आरबीआई ने बैंकों में पूंजी डाले जाने के लिये शून्य ब्याज वाले बांड को लेकर चिंता जतायी

By भाषा | Updated: January 10, 2021 17:58 IST2021-01-10T17:58:16+5:302021-01-10T17:58:16+5:30

RBI expressed concern over zero-interest bonds for infusion of capital in banks | आरबीआई ने बैंकों में पूंजी डाले जाने के लिये शून्य ब्याज वाले बांड को लेकर चिंता जतायी

आरबीआई ने बैंकों में पूंजी डाले जाने के लिये शून्य ब्याज वाले बांड को लेकर चिंता जतायी

नयी दिल्ली, 10 जनवरी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी डाले जाने के लिये शून्य ब्याज वाले बांड (जीरो कूपन बांड) को लेकर चिंता जतायी है। इसका समाधान निकालने के लिये केंद्रीय बैंक और वित्त मंत्रालय के बीच बातचीत जारी है।

सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) में पूंजी डालने के लिये 2017-18 में बांड का सहारा लिया। इस पर बैंकों को ब्याज देने की व्यवस्था थी। बैंकों को ब्याज अगले वित्त वर्ष से देय है।

ब्याज बोझ को कम करने और राजकोषीय दबाव कम करने के लिये सरकार ने बैंकों की पूंजी जरूरतों को पूरा करने को लेकर शून्य ब्याज वाला बांड जारी करने का निर्णय किया।

इस व्यवस्था के जरिये पिछले साल 5,500 करोड़ रुपये की पहली पूंजी पंजाब एंड सिंध बैंक में डाली गयी। इसके लिये छह अलग-अलग परिपक्वता अवधि के शून्य ब्याज वाले बांड जारी किये गये। दस से पंद्रह साल की अवधि वाली इन विशेष प्रतिभूतियों पर कोई ब्याज देय नहीं है और इसका मूल्य अंकित मूल्य के समतुल्य होगा।

हालांकि, आरबीआई ने अंकित मूल्य पर बांड जारी कर प्रभावी तरीके से पूंजी डाले जाने के आकलन के संदर्भ में कुछ मुद्दे उठाये हैं।

उसने कहा कि चूंकि इस प्रकार के बांड पर कोई ब्याज देय नहीं होता और इसे अंकित मूल्य पर अच्छा-खासी छूट के साथ जारी किया जाता है, इसलिए इनके शुद्ध वर्तमान मूल्य का पता लगाना मुश्किल है।

सूत्रों के अनुसार छूट आकलन अलग-अलग हो सकता है। इससे लेखा समायोजन की जरूरत पड़ सकती है। ऐसे में इस मसले के समाधान के लिये वित्त मंत्रालय और आरबीआई बातचीत कर रहे हैं।

चूंकि ये विशेष बांड पर ब्याज देय नहीं है और अंकित मूल्य पर बैंकों को जारी किये जाते हैं, ऐसे में यह एक ऐसा निवेश होगा जिस पर कोई रिटर्न नहीं आएगा बल्कि हर गुजरते साल के साथ इसका मूल्य कम होगा।

संसद ने सितंबर 2020 में पीएसबी में पूंजी डाले जाने के लिये 20,000 करोड़ रुपये को मंजूरी दी। इसमें से 5,500 करोड़ रुपये पंजाब एंड सिंध बैंक को जारी किये गये। वित्त मंत्रालय इस तिमाही में शेष 14,500 करोड़ रुपये जारी किये जाने के बारे में निर्णय करेगा।

इस पहल से सरकार का वित्तीय बोझ कम होगा क्योंकि सरकार पहले ही पिछले दो वित्त वर्षों में बांड के जरिये पूंजी डाले जाने की व्यवस्था के तहत ब्याज भुगताान मद में 22,086.54 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है।

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Web Title: RBI expressed concern over zero-interest bonds for infusion of capital in banks

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