रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर ने कहा, वित्तीय कार्यों में भी पर्यावरण को मुख्यधारा में लाने की जरूरत
By भाषा | Published: September 20, 2021 10:07 PM2021-09-20T22:07:02+5:302021-09-20T22:07:02+5:30
मुंबई, 20 सितंबर भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने पर्यावरण अनुकूल कार्यों के लिये दिये जाने वाले वित्त को मुख्यधारा में लाने पर जोर दिया है। उन्होंने सोमवार को कहा कि वाणिज्यिक ऋण प्रदान करने के फैसलों में पर्यावरणीय प्रभाव को शामिल करने की जरूरत है।
राव ने सीएएफआरएएल के हरित और सतत वित्त पर वर्चुअल सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वित्तीय क्षेत्र में जलवायु जोखिमों को दूर करना अंशधारकों की संयुक्त जिम्मेदारी है, क्योंकि इससे दीर्घावधि में वित्तीय प्रणाली की जुझारू क्षमता प्रभावित हो सकती है।
उन्होंने कहा, ‘‘जलवायु परिवर्तन के विभिन्न क्षेत्रों के लिए जोखिम और अवसर भिन्न होते हैं। ऐसे में भारत जैसी अर्थव्यवस्थाओं के लिए विचार करने की विशिष्ट स्थिति बनती है।’’
राव ने कहा, ‘‘हमारे समक्ष चुनौती हरित वित्त को मुख्यधारा में लाने और वाणिज्यिक ऋण के फैसलों में पर्यावरणीय प्रभाव को शामिल करने के तरीके ढूंढने की है।’’
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के अर्थव्यवस्था पर प्रणालीगत प्रभाव को लेकर समझ बन रही है और दुनियाभर के केंद्रीय बैंक इसी के अनुरूप प्रतिक्रिया विकसित कर रहे हैं।
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