पुरी ने कहा, संप्रग काल के 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के तेल बांड के भुगतान की मजबूरी
By भाषा | Published: September 2, 2021 08:19 PM2021-09-02T20:19:31+5:302021-09-02T20:19:31+5:30
अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम पदार्थों के दाम में गिरावट के बावजूद ईंधन की कीमतों के लगातार उच्च स्तर पर बने रहने के बीच पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि पिछली संप्रग सरकार द्वारा जारी किए गए 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के तेल बॉंड का भुगतान किया जाना है। उन्होंने कहा कि इसके चलते राजकोषीय उपाए और तेल कंपनियों की वित्तीय स्वतंत्रता को सीमित करने की गुंजाइश बहुत कम है। रसोई गैस की कीमतें बढ़ाने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के सरकार पर तीखा हमला करने के एक दिन बाद पुरी ने ट्विटर पर कहा कि इसके लिए संप्रग सरकार की जिम्मेदारी से पीछा छुड़ाने की प्रवृत्ति और नीतिगत जड़ता जवाबदेह है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘भारत के उपलब्धि रहित दशक को बड़े पैमाने पर दायित्व से पीछा छुड़ाने और नीतिगत जड़ता के लिए जाना जाता है। संप्रग सरकार ने भविष्य की सरकारों पर तेल बॉंड का बोझ लाद दिया। इनमें से 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया जाना बाकी है। इसकी वजह से संसाधनों पर दबाव है, राजकोषीय गुंजाइश सीमित रह गई और तेल कंपनियों की वित्तीय स्वतंत्रता पर भी अंकुश लगा है।’’ उन्होंने आगे कहा कि उत्खनन एवं उत्पादन (ईएंडपी) क्षेत्र धन की कमी से जूझ रहा था। इसके चलते हमारा आयात बिल लगातार ऊंचा बना हुआ है। रिमोट द्वारा संचालित आर्थिक विशेषज्ञों की सरकार द्वारा तेल कंपनियों का करीब 3.6 लाख करोड़ रुपये का मुनाफा कीमतों को स्थिर बनाए रखने के लिए इस्तेमाल किया गया और ऐसा दिखाया जाता रहा कि सब ठीक है। राहुल गांधी ने बुधवार को ईंधन की बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार पर हमला करते हुये कहा कि मोदी सरकार ने पिछले साल साल के दौरान ईंधन के दाम बढ़ाकर 23 लाख करोड़ रुपये जुटाये हैं। उनकी पार्टी ने तेल बांड के बोझ वाली सरकार की दलील को खारिज कर दिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सबसे पहले इसके बारे में बताया। कांग्रेस ने कहा कि 1.3 लाख करोड़ रुपये का अभी भुगतान नहीं हुआ है वहीं सरकार ने सात साल में उत्पाद शुल्क से कहीं अधिक राशि जुटा ली है।
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