नयी दिल्ली, 10 फरवरी निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने बुधवार को कहा कि सरकार ने केंद्रीय लोक उपक्रमों (पीएसई) को लेकर जो नीति की घोषणा की है, उससे निजी कंपनियों के लिये काफी अवसर खुले हैं। उन्होंने कहा कि वे अब आकर्षक मूल्य पर लोक उपक्रमों की संपत्तियों को खरीदकर देश की वृद्धि की कहानी में भाग ले सकती हैं।
उन्होंने उद्योग मंडल सीआई के सदस्यों के साथ बातचीत में कहा कि निजीकरण को दक्षता में सुधार और इसीलिए उच्च उत्पादकता प्राप्त करने तथा संसाधनों के आबंटन को बेहतर बनाने के लिये महत्वपूर्ण माना जाता है। बजट के लिये निजीकरण एक मार्गदर्शक सिद्धांत रहा है।
पांडे ने कहा कि बजट में निजीकरण की नई नीति की रूपरेखा 1991 में किये गये ऐतिहासिक सुधारों के समान है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस नीति से निजी कंपनियों के लिये अवसर बढ़े हैं। वे अब आकर्षक मूल्य पर लोक उपक्रमों की संपत्तियों को खरीदकर देश की वृद्धि की कहानी में भाग ले सकती हैं।
लोक उपक्रम नीति जारी करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के बजट में कहा है कि चार रणनीतिक क्षेत्रों को छोड़कर अन्य क्षेत्रों की सरकारी कंपनियों में विनिवेश किया जाएगा। नीति रणनीतिक और गैर-रणनीतिक क्षेत्रों में विनिवेश के लिये चीजों को स्पष्ट करेगी।
रणनीतिक क्षेत्रों में न्यूनतम संख्या में केंद्रीय लोक उपक्रम रहेंगे और शेष का निजीकरण किया जाएगा या विलय अथवा दूसरे सीएपीएसई की अनुषंगी इकाई बनाया जाएगा।
आर्थिक मामलों के सचिव तरूण बजाज ने कहा कि अर्थव्यवस्था में उत्पादक खर्च को गति देने की जरूरत को समझते हुए बजट में पूंजी व्यय को बढ़ाया गया है। इसका मकसद देश के लिये मध्यम से दीर्घावधि में वृद्धि संभावना के गति देना है।
बजाज ने चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे में वृद्धि और 2025-26 तक इसे 4.5 प्रतिशत के स्तर पर लाने के लक्ष्य का जिक्र करते हुए कहा कि यह सरकार के आने वाले वर्षों में घाटे को काबू में लाने के इरादे को बताता है।
बातचीत के दौरान मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रमणियम ने कहा कि पिछले साल घोषित किए गए आत्मनिर्भर भारत अभियान के विभिन्न चरणों में सुधार के उपायों को केंद्रीय बजट में निष्कर्ष पर पहुंचाया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह दूरदृष्टि वाला बजट है जो आने वाले वर्षों में उच्च वृद्धि के लिये पृष्ठभूमि तैयार करेगा...।
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