प्रदीप द्विवेदी का ब्लॉग: किसान सम्मान निधि नहीं, पेट्रोल-डीजल प्रायश्चित निधि कहें, साहेब!
By प्रदीप द्विवेदी | Updated: February 1, 2021 18:21 IST2021-02-01T18:21:17+5:302021-02-01T18:21:51+5:30
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के लिए आम बजट प्रस्तुत कर दिया है...

प्रदीप द्विवेदी का ब्लॉग: किसान सम्मान निधि नहीं, पेट्रोल-डीजल प्रायश्चित निधि कहें, साहेब!
केन्द्र की मोदी सरकार के नीति, नियम, कानून बहुत अच्छे हैं, बस, उनका नामकरण सही करने की जरूरत है. जैसे- किसान सम्मान निधि का नामकरण यदि पेट्रोल-डीजल प्रायश्चित निधि किया जाता तो कोई भी विरोध नहीं करता? यहां तक कि ममता दीदी भी पश्चिम बंगाल में राजी-खुशी लागू कर देती. ममता दीदी का दर्द ही यही है कि पेट्रोल-डीजल के रेट को लेकर जनता का विरोध राज्य सरकार झेले और किसान सम्मान निधि देकर दानवीर केन्द्र सरकार बने, ऐ चालबे ना!
यदि सरकार कृषि कानून का नामकरण भी- कार्पोरेट कृषि कानून, कर देती तो किसान आंदोलन ही नहीं करते! अब जो लोग बजट का विरोध कर रहे हैं वे कह रहे हैं कि जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, घोषणाओं में उन पर प्रमुखता से ध्यान दिया गया है? अब इसमें गलत क्या है!
बिहार विधानसभा चुनाव में भी तो सभी को फ्री वैक्सीन के लिए कहा था, दे दी क्या? इस बजट का कोई विरोध नहीं करता यदि इसका नामकरण- विधानसभा चुनावी बजट, कह दिया जाता!
अब ओएलएक्स बजट को लेकर बीजेपी तो बोलेगी नहीं, बाकी लोग क्या बोल रहे हैं, जरा देखते हैं....
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे- पांच चुनावी राज्य बजट, करार दिया है. पत्रकार रणविजय सिंह ने ट्वीट किया- बजट है या ओएलएक्स का प्रचार- बेच दे! उन्होंने एक और ट्वीट किया- बजट देखकर ओएलएक्स वाले- हमारी कोई दूसरी शाखा नहीं!
तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने इस बजट पर निशाना साधते हुए कहा- भारत का पहला पेपरलेस बजट, 100 प्रतिशत विजनलेस भी. इस फर्जी बजट का थीम है- सेल इंडिया. रेलवेः बिक गया, हवाई अड्डेः बिक गए, बंदरगाहः बिक गए, इंश्योरेंसः बिक गया, 23 सरकारी कंपनियांः बिक गईं. आम जनता और किसानों को नजरअंदाज किया गया. अमीर और अमीर हो रहे हैं. मध्यम वर्ग के लिए कुछ नहीं है, गरीब और गरीब हुए हैं!
गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला की प्रतिक्रिया कि बजट इन वन लाइन- सब बेचा जाएगा! कांग्रेस ने सवाल उठाया- ईमानदार मध्यम वर्ग के टैक्सपेयर को किस बात की सजा दी जा रही है?
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने लिखा- मोदी सरकार के बजट में एयरपोर्ट से लेकर रेल, गोदाम से लेकर बंदरगाह, सड़क से लेकर रेल, बिजली ट्रांसमिशन लाइन से लेकर बीएचइएल तक सब सरकारी सम्पति बेच डालेंगे. इसीलिए तो- बेच खाएंगे सब कुछ, नही छोड़ेंगे अब कुछ! कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने ट्वीट किया- एलआईसी और जीआईसी जैसी मुनाफे वाली कंपनियों को बेचे जाने का फैसला राष्ट्रीय हित के खिलाफ है.
सबसे दिलचस्प प्रतिक्रिया बीजेपी सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी की रही- मीडिया द्वारा मुझसे पूछा गया था कि जब मैं आज संसद से बाहर आया तो मैंने इस बजट के लंबे भाषण के बारे में क्या सोचा? मैंने कहा कि- मुझे याद है कि अमेरिकी राष्ट्रपति लिंकन ने क्या कहा था.... अगर मेरे पास समय कम है तो मैं एक लंबा भाषण देता हूं, लेकिन अगर मेरे पास बहुत समय है तो मैं एक छोटा भाषण देता हूं!