मुंबई, 22 नवंबर भारतीय रिज़र्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) एक सदस्य ने सोमवार को कहा कि एमपीसी को अब गैर-परंपरागत उपायों को जारी नहीं रखना चाहिए।
रिजर्व बैंक के कार्यकारी निदेशक मृदुल सग्गर ने कहा कि अब वृद्धि को बढ़ावा देने वाले उदार रुख के साथ तरलता के स्तर को कम करने की संभावना बनती है।
सग्गर ने कहा कि वृद्धि के सामान्य होने के साथ प्रणाली में नकदी या तरलता को कुछ हद तक कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि नकारात्मक वास्तविक ब्याज दरें सेवानिवृत्त लोगों को प्रभावित कर रही हैं।
सग्गर ने एनएसई द्वारा आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘इस समय मुझे लगता है कि इन असाधारण, गैर-परंपरागत उपायों को जारी रखना एमपीसी का काम नहीं है। अब अनुकूल रुख के साथ तरलता का स्तर कम करना संभव है।
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