पिछले साल PNB के साथ हुई 99% वित्तीय जालसाजियों का है लोन कनेक्शन, लोन के नाम पर बैंको को लगा है इतना चूना
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: February 22, 2018 04:46 PM2018-02-22T16:46:26+5:302018-02-22T18:58:59+5:30
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार 26 बैंकों ने कहा है कि उनके साथ हुई 97 प्रतिशत जालसाजी पैसों के अग्रिम भुगतान से जुड़ी हुई रहीं।
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ कथित तौर पर हुए 11300 करोड़ रुपये के घोटाले के बाद बैंकों से लिए जाना वाला लोन पूरे देश में चर्चा का विषय है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार साल 2016-17 में भारत में हुई 86 प्रतिशत वित्तीय जालसाजी बैंकों से कर्ज से जुड़ी थी।
पंजाब नेशनल बैंक से साथ वित्त वर्ष 2016-17 में हुई वित्तीय जालसाजियों में 99 प्रतिशत लोन से जुड़ी हुई है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने दावा किया है कि पीएनबी में इस स्तर पर हो रही जालसाजी बैंक के कर्मचारियों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है।
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार 26 बैंकों ने कहा है कि उनके साथ हुई 97 प्रतिशत जालसाजी पैसों के अग्रिम भुगतान से जुड़ी हुई रहीं। 15 बैंकों ने कहा कि उनके साथ हुई 99 प्रतिशत जालसाजी लोन या कर्ज से जुड़ी हुई थी। आठ अन्य बैंकों ने कहा कि उनके साथ हुए जालसाजी में 90 से 95 प्रतिशत तक लोन से जुड़ी हुई थी।
भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के हवाले से टीओआई ने रिपोर्ट की है कि वित्त वर्ष 2016-17 में बैंकों के साथ 23,903 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई। इसमें से 20,561 करोड़ (86 प्रतिशत) रुपये लोन संबंधित था। वित्त वर्ष 2016-17 में पीएनबी को 2788 करोड़ रुपये ( 99.29 प्रतिशत) रुपये का चूना लगा।
आरबीआई वित्त वर्ष 2017-18 में बैंकिंग सेक्टर में हुए जालसाजियों के आंकड़े इकट्ठा कर रहा है। बैंकों के साथ हुई जालसाजी के पिछले तीन सालों के आंकड़ों के अनुसार 67 प्रतिशत जालसाजियों का संबंध लोन या कर्ज से था।
बैंकों के साथ जालसाजी का मामला पिछले कुछ सालों से सुर्खियों में है। ताजा मामला हीरा व्यापारी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी द्वारा पीएनबी को 11300 करोड़ रुपये का कथित तौर पर चूना लगाने का है। नीरव मोदी और मेहुल चौकसी दोनों ही इस समय देश छोड़कर जा चुके हैं। इससे पहले एयरलाइंस और शराब कारोबारी विजय माल्या पर सरकारी बैंकों का नौ हजार करोड़ रुपये कर्ज लेकर देश से फरार हो जाने का आरोप है।