Rajasthan High Court: 'किसी बच्ची का इनरवेयर उतारना और खुद के कपड़े उतारना रेप नहीं', कोर्ट ने कहा
By धीरज मिश्रा | Published: May 24, 2024 12:33 PM2024-05-24T12:33:21+5:302024-05-24T12:36:22+5:30
Rajasthan High Court: राजस्थान हाईकोर्ट ने एक याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा कि किसी बच्ची का इनरवेयर उतारना और खुद के कपड़े उतारना रेप नहीं है।
Rajasthan High Court: राजस्थान हाईकोर्ट ने एक याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा कि किसी बच्ची का इनरवेयर उतारना और खुद के कपड़े उतारना रेप नहीं है। कोर्ट ने 6 साल की बच्ची से रेप केस मामले में आरोपी को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने आरोपी को बरी करते हुए उसे शील भंग के लिए दोषी ठहराया है।
न्यायमूर्ति अनूप कुमार ढांड ने कहा कि आरोपी को अब वापस जेल भेजना उचित नहीं होगा। कोर्ट 33 साल पुराने मामले में सुनवाई कर रहा था। जिसमें आरोपी पर 6 साल की बच्ची के साथ रेप करने का आरोप लगाया गया था। टोंक सेशन कोर्ट ने उसे 3 साल और 6 माह की कठोर सजा सुनाई थी। आरोपी ने टोंक सेशन कोर्ट के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। आरोपी की याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुनाया और उसे बरी कर दिया।
आरोपी सुवालाल 25 साल का था जब उस पर रेप का आरोप लगाया गया था। वह लगभग ढाई महीने तक धि जेल में रहा था।
क्या है मामला
आरोपी सुवालाल पर साल 1991 में 9 मार्च को आरोप लगाया गया कि उसने एक 6 साल की बच्ची को बलात्कार करने के इरादे से ले गया। आरोपी की उम्र उस वक्त 25 साल और बच्ची की उम्र 6 साल थी। आरोपी के खिलाफ शिकायतकर्ता ने कहा कि जब मेरी पोती ने शोर मचाया तो गांव के लोग पहुंचे तो उसे बचाया गया। वहीं, आरोपी पक्ष के वकील की दलील थी कि उस पर बलात्कार करने का आरोप नहीं लगाया गया था।
आईपीसी 354 के तहत दोषी ठहराया गया
आरोपी सुवालाल की बलात्कार की सजा को न्यायमूर्ति अनूप कुमार ढांड ने बदलते हुए उसे आईपीसी 354 के तहत दोषी ठहराया। कोर्ट ने कहा कि आरोपी ने अंदरूनी कपड़े उतारना और अपने कपड़े उतार देना आईपीसी की धारा 376/511 के तहत अपराध की श्रेणी में नहीं आता है।