औद्योगिक श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी में संशोधन के आग्रह को लेकर जनहित याचिका दायर
By भाषा | Updated: October 6, 2021 20:33 IST2021-10-06T20:33:34+5:302021-10-06T20:33:34+5:30

औद्योगिक श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी में संशोधन के आग्रह को लेकर जनहित याचिका दायर
अहमदाबाद, छह अक्टूबर गुजरात उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर सरकार को औद्योगिक क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी दरों में संशोधन का निर्देश देने का आग्रह किया गया है। इसमें कहा गया है कि न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार यह दो साल से लंबित है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश आरएम छाया और न्यायमूर्ति बीरेन वैष्णव की खंडपीठ ने बुधवार को सरकारी वकील से इस बारे में सरकार से निर्देश प्राप्त करने और याचिकाकर्ता के वकील को अन्य राज्यों में निर्धारित तथा संशोधित न्यूनतम मजदूरी का तुलनात्मक चार्ट उपलब्ध कराने को कहा।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 26 अक्टूबर को तय की।
याचिकाकर्ता श्रमिक संगठन गुजरात मजदूर पंचायत ने गुजरात के लिए न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948 के प्रावधानों के अनुसार न्यूनतम मजदूरी दरों को संशोधित करने और अद्यतन करने के लिए सरकार को निर्देश देने का आग्रह किया है।
याचिकाकर्ता के अनुसार, वेतन पिछली बार 2014 में संशोधित किया गया था और 2019 में संशोधन किया जाना था। लेकिन सरकार ने उस वर्ष मार्च में केवल कृषि क्षेत्र में कार्यरत व्यक्तियों के लिए न्यूनतम मजदूरी को संशोधित किया, न कि औद्योगिक क्षेत्र और अन्य क्षेत्रों में काम करने वालों के लिए।
अधिवक्ता आनंद याज्ञनिक द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि बार-बार प्रतिवेदन और स्मरण-पत्र दिए जाने के बावजूद, सरकार ने न्यूनतम वेतन में संशोधन नहीं किया है और यह 1948 के अधिनियम का उल्लंघन है।
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