नई दिल्ली: उपभोक्ताओं के लिए जल्द ही बड़ी खुशखबरी आने की संभावना है क्योंकि एक साल से अधिक समय तक अपरिवर्तित रहने के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम हो सकती हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कच्चे तेल की कीमतों में नरमी का फायदा उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए सरकार में चर्चा शुरू हो गई है।
ईटी नाउ को सूत्रों से पता चला है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें जल्द ही कम हो सकती हैं क्योंकि तेल विपणन कंपनियां (ओएमसी) अब दोनों ईंधन पर मुनाफा कमा रही हैं। ऐसे में सरकार ने लोगों को कुछ राहत देने के लिए इस पर चर्चा शुरू कर दी है। वित्त और तेल मंत्रालय कच्चे तेल की मौजूदा कीमत परिदृश्य पर चर्चा कर रहे हैं। सूत्रों ने ईटी नाउ को बताया कि वे वैश्विक कारकों के साथ-साथ ओएमसी की लाभप्रदता पर चर्चा कर रहे हैं।
यहां यह उल्लेखनीय है कि ओएमसी अब पेट्रोल पर 8-10 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 3-4 रुपये प्रति लीटर का मुनाफा कमा रही हैं, जबकि 2022 में पेट्रोल पर 17 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 35 रुपये प्रति लीटर का अधिकतम घाटा होगा। रिपोर्ट के अनुसार, तेल मंत्रालय पहले ही ओएमसी के साथ कच्चे तेल के खुदरा मूल्य परिदृश्य की समीक्षा कर चुका है।
पिछली 3 तिमाहियों में मजबूत लाभ के कारण ओएमसी का कुल घाटा अब कम हो गया है। पिछली तिमाही में तीन ओएमसी - आईओसी, एचपीसीएल और बीपीसीएल - का संचित लाभ 28,000 करोड़ रुपये था। अब जब ओएमसी लाभ कमा रही हैं और अंडर रिकवरी शून्य है, तो इसका लाभ उपभोक्ताओं को हस्तांतरित किया जाना चाहिए।
पेट्रोल-डीजल की कम कीमतों से सरकार को महंगाई रोकने में मदद मिलेगी। इसके अलावा केंद्र सरकार का मानना है कि कच्चे तेल की कीमतें 75-80 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में रहेंगी। देश भर में पेट्रोल और डीजल की कीमतें पिछले एक साल से अधिक समय से अपरिवर्तित हैं।
आखिरी बार ईंधन की कीमतें पिछले साल 21 मई को कम की गई थीं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तब पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर घटा दिया था।