लोग बिना बिल के खरीद रहे हैं महंगे मोबाइल, सरकार को हर साल लग रहा है 2500 करोड़ का चूना: ICEA
By भाषा | Published: July 21, 2019 05:54 PM2019-07-21T17:54:43+5:302019-07-21T17:54:43+5:30
आईसीईए के चेयरमैन पंकज महिंद्रु ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ''महंगे मोबाइल फोन की बिना बिल की बिक्री से हर साल करीब 2,500 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।'' महिंद्रु ने कहा कि ग्रे मार्केट में महंगे मोबाइल फोन की बिक्री से बीसीडी और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का भुगतान नहीं होता है। इससे यह नुकसान होता है।
इंडिया सेल्यूलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) का दावा है कि महंगे मोबाइल फोन की बिना बिल की बिक्री से हर साल 2,500 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। उद्योग संगठन ने 20,000 रुपये से ऊपर के मोबाइल फोन पर अधिकतम 4,000 रुपये का आयात शुल्क लगाने का सुझाव दिया है।
उसने शुल्क से बचने की कवायद और महंगे फोन की अवैध बिक्री को हतोत्साहित करने के लिए ये परामर्श दिये हैं। वर्तमान में आयातित हैंडसेट पर 20 प्रतिशत का बुनियादी सीमाशुल्क (बीएसडी) लिया जाता है।
आईसीईए के चेयरमैन पंकज महिंद्रु ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ''महंगे मोबाइल फोन की बिना बिल की बिक्री से हर साल करीब 2,500 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।'' महिंद्रु ने कहा कि ग्रे मार्केट में महंगे मोबाइल फोन की बिक्री से बीसीडी और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का भुगतान नहीं होता है। इससे यह नुकसान होता है।
आईसीईए ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सुझाया है कि बीएसडी की दर 20 प्रतिशत जारी रहनी चाहिए लेकिन 20,000 रुपये से ऊपर के मोबाइल फोन पर यह सीमा 4,000 रुपये की होनी चाहिए।
महिंद्रु के मुताबिक इस कदम से बाजार का माहौल साफ-सुथरा एवं विनयिमत हो जाएगा एवं जीएसटी संग्रह में 1,000 करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी हो जाएगी।