SEBI का पेटीएम प्रमुख विजय शेखर शर्मा को कारण बताओ नोटिस, नियंत्रक ने लगाए गड़बड़ी के आरोप
By आकाश चौरसिया | Updated: August 26, 2024 15:25 IST2024-08-26T14:59:51+5:302024-08-26T15:25:53+5:30
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पेटीएम प्रमुख विजय शेखर शर्मा को करीब 3 साल बाद आईपीओ में हुई गड़बड़ी को लेकर एक कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। हालांकि, अभी पेटीएम की ओर से कुछ नहीं कहा गया है।

फोटो क्रेडिट- (एक्स)
नई दिल्ली: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पेटीएम प्रमुख विजय शेखर शर्मा और नवंबर 2021 में कंपनी की आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) के दौरान सेवा देने वाले बोर्ड के सदस्यों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। गौरतलब है कि विजय वन 97 कम्युनिकेशन लिमिटेड (पेटीएम पैरेंट कंपनी) के फाउंडर रहे हैं। सेबी ने जो नोटिस जारी किया है, उसमें ये कहा गया है कि विजय शेखर शर्मा द्वारा प्रवर्तक वर्गीकरण मानदंडों का कथित तौर पर अनुपालन ना करने से संबंधित हैं। रिपोर्ट में ये भी बात निकल कर के आ रही है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने जांच के लिए सेबी को इनपुट दिए हैं।
सेबी के करीबी व्यक्ति ने बताया कि नियंत्रक का मानना है कि विजय शेखर शर्मा को प्रमोटर के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए था। और संस्थापक द्वारा किए गए दावों की सटीकता को सत्यापित करना और उसे सत्यापित करना कंपनी के बोर्ड सदस्यों का कर्तव्य भी था।
सूत्र के मुताबिक, सेबी पहले भी कंपनी के खिलाफ कार्रवाई कर चुका है, लेकिन वे ज्यादातर वित्तीय धोखाधड़ी के मामले थे। इस मामले में बड़ी देर की है क्योंकि शर्मा पर इससे पहले भी कई वित्तीय फ्रॉड के अधिकतर केस दर्ज हो चुके हैं। यह उन दुर्लभ मामलों में से एक है जहां सेबी संभावित अनुपालन चूक के लिए निदेशकों को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश कर रहा है, जिसे बैंकरों या वैधानिक लेखा परीक्षकों द्वारा भी इंगित नहीं किया गया था।
रिपोर्ट के अनुसार, मामले से जुड़े एक अन्य व्यक्ति ने कहा, “मामले में एक प्रमुख मुद्दा यह है कि सेबी ने लिस्टिंग के तीन साल बाद कार्रवाई शुरू की है। 2021 में ऑफर डॉक्यूमेंट दाखिल होने के बाद से ही सेबी को शेयरहोल्डिंग व्यवस्था के बारे में पता था। वास्तव में, इसके बाद, प्रॉक्सी सलाहकार फर्मों ने भी इस मुद्दे को लाल झंडी दिखा दी है। हालाँकि, सेबी ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक प्रकरण के बाद ही कार्रवाई शुरू की।"