संसदीय समिति ने मत्स्यपालन ढांचा विकास कोष योजना के धीमेपन की आलोचना की
By भाषा | Updated: March 18, 2021 00:16 IST2021-03-18T00:16:27+5:302021-03-18T00:16:27+5:30

संसदीय समिति ने मत्स्यपालन ढांचा विकास कोष योजना के धीमेपन की आलोचना की
नयी दिल्ली, 17 मार्च संसद की एक समिति ने बुधवार को मत्स्य पालन और जलीय कृषि के लिए एक बुनियादी ढांचा विकास निधि के कार्यान्वयन में धीमी प्रगति के लिए सरकार की खिंचाई की।इस कोष की स्थापना के तीन साल बाद भी केवल 2,171.32 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।
कृषि मंत्रालय की संसदीय स्थायी समिति ने मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की अनुदान मांगों (2021-2022) पर संसद में पेश किये गये अपनी 27 वीं रिपोर्ट में कहा, ‘‘यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि यह योजना मनोवांछित तरीके से आगे नहीं बढ़ी है।’’
वित्तवर्ष 2018-19 में, सरकार ने देश में मत्स्यपालन बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए 7,522.48 करोड़ रुपये के कोष के साथ मत्स्य पालन और एक्वाकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (एफआईडीएफ) बनाया था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति ने मंत्रालय से यह भी कहा कि वह इस योजना के बारे में व्यापक प्रचार अभियान चलाये ताकि लाभार्थियों (दोनों व्यक्तियों और राज्य सरकारों) को पूरा लाभ मिल सके।
पीएमएमएसवाई के तहत, वर्ष 2020-21 से वर्ष 2024-25 तक पांच वर्षों की अवधि में 11.20 लाख टन का समुद्री ‘वीड’ के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
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