नई दिल्ली: जोमैटो की फटाफट किराना पहुंचाने वाली इकाई 'ब्लिंकिट' ने दिल्ली-एनसीआर के लोगों को बड़ा झटका दिया है। दरअसल, दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न हिस्सों में इसके 50 स्टोर बंद होने के बाद फिलहाल के लिए 'अस्थायी रूप से अनुपलब्ध' हो गई है।
यह घटना तब हुई है जब कंपनी ने डिलीवरी पार्टनर के वेतन ढांचे में बदलाव किया है। इस बदलाव के बाद डिलीवरी पार्टनर अपने वेतन में बदलाव के कारण इसका विरोध कर रहे हैं।
ब्लिंकिट की संशोधित वेतन संरचना के अनुसार, इसके डिलीवरी अधिकारियों को 25 प्रति रुपये डिलीवरी के बजाय 15 प्रति रुपये डिलीवरी का न्यूनतम शुल्क प्राप्त होगा। इस बीच, दिल्ली और एनसीआर के कई हिस्सों में नियमित ग्राहक पिछले कुछ दिनों से ब्लिंकिट ऐप पर अपने ऑर्डर नहीं दे पाए हैं। ऐप पर ग्राहकों के पास लिखा आ रहा है कि "अधिक मांग के कारण, अस्थायी रूप से अनुपलब्ध"।
इस मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया पर तमाम तरह की वीडियो वायरल हो रही है। मामला सामने आने के बाद इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने डिलीवरी पार्टनर्स का समर्थन किया है।
कपिल मिश्रा ने ट्विटर पर अपने कर्मचारियों के साथ "अन्याय" करने के लिए ब्लिंकिट प्रबंधन की आलोचना की। उन्होंने पुराने भुगतान ढांचे को वापस करने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि कुछ ब्लिंकिट कर्मचारी आए और मुझसे मिले।
ब्लिंकिट अपने कर्मचारियों के साथ जो अन्याय कर रहा है, वह अवैध है। प्रबंधन लाखों परिवारों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहा है। ब्लिंकिट प्रबंधन को पुराने भुगतान को तुरंत लागू करना चाहिए। प्रति डिलीवरी 25 रुपये से घटाकर 10-15 रुपये करना चाहिए।" कर्मचारियों के साथ धोखा कर रहा है।
इस बीच, जोमैटो की अन्य खाद्य वितरण सेवाएं सामान्य रूप से जारी रहीं। पिछले साल जोमैटो ने ब्लिंकिट जो पहले ग्रोफर्स के नाम से जाना जाता था को 550 मिलियन डॉलर में खरीदा था।