Online Gaming Company: एक लाख करोड़ रुपये बाकी, ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को नोटिस जारी, जानें आखिर वजह
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 25, 2023 05:36 PM2023-10-25T17:36:46+5:302023-10-25T20:01:45+5:30
Online Gaming Company: अधिकारी ने कहा कि एक अक्टूबर के बाद से भारत में पंजीकृत की गई विदेशी गेमिंग कंपनियों का कोई डाटा अभी तक उपलब्ध नहीं है।
Online Gaming Company: माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के अधिकारियों ने कर चोरी के मामलों में ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को अभी तक एक लाख करोड़ रुपये मूल्य के कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
हालांकि, इस अधिकारी ने कहा कि एक अक्टूबर के बाद से भारत में विदेशी गेमिंग कंपनियों के पंजीकरण का अभी तक कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। जीएसटी कानून में संशोधन किए जाने के बाद विदेशी ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए एक अक्टूबर से भारत में पंजीकरण करना अनिवार्य हो गया है।
जीएसटी से संबंधित नीति-निर्धारक संस्था जीएसटी परिषद की अगस्त में हुई बैठक में तय किया गया था कि ऑनलाइन गेमिंग मंचों पर लगाए जाने वाले दांव की पूरी राशि पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा। इस फैसले के बाद से कई ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को जीएसटी के कम भुगतान के लिए सूचना नोटिस या कारण बताओ नोटिस भेजे गए हैं।
अधिकारी ने कहा, ‘‘ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को अबतक जीएसटी अधिकारियों की तरफ से लगभग एक लाख करोड़ रुपये के नोटिस भेजे गए हैं।’’ गेमिंग कंपनी ड्रीम11 को 40,000 करोड़ रुपये की कर चोरी के लिए कारण बताओ नोटिस भेजे जाने की सूचना है जबकि डेल्टा कॉर्प जैसी कैसीनो एवं गेमिंग कंपनी को करों के कम भुगतान के लिए दो किस्तों में 23,000 करोड़ रुपये चुकाने का नोटिस मिला है।
हालांकि, ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां जीएसटी विभाग की इन कर मांगों का विरोध करते हुए उच्च न्यायालयों का रुख कर रही हैं। गेमिंग कंपनियों का दावा है कि वे पहले 18 प्रतिशत की दर से कर का भुगतान कर रही थीं क्योंकि उनके मंचों पर खेले जाने वाले गेम ‘कौशल पर आधारित’ थे।
डेल्टा कॉर्प ने जीएसटी विभाग के अधिक कर भुगतान की मांगों को चुनौती देते हुए बंबई उच्च न्यायालय में अपील की है। कंपनी ने अपनी नियामकीय सूचना में कहा कि उच्च न्यायालय की गोवा पीठ ने 23 अक्टूबर को रिट याचिकाओं पर विचार करने के बाद कर अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे न्यायालय की पूर्व-अनुमति के बगैर इस नोटिस पर कोई अंतरिम आदेश न दें।
इसके अलावा पिछले साल सितंबर में गेम्सक्राफ्ट को भी 21,000 करोड़ रुपये की कथित जीएसटी चोरी के लिए कारण बताओ नोटिस भेजा गया था। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अपना फैसला गेम्सक्राफ्ट के पक्ष में सुनाया था लेकिन केंद्र सरकार ने उसके खिलाफ जुलाई में उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर कर दी।