विदेशों में तेजी और त्यौहारी मांग से तेल तिलहन कीमतों में सुधार

By भाषा | Updated: March 23, 2021 20:10 IST2021-03-23T20:10:14+5:302021-03-23T20:10:14+5:30

Oilseed prices improve due to booming overseas and festive demand | विदेशों में तेजी और त्यौहारी मांग से तेल तिलहन कीमतों में सुधार

विदेशों में तेजी और त्यौहारी मांग से तेल तिलहन कीमतों में सुधार

नयी दिल्ली, 23 मार्च विदेशों में तेजी के रुख और देश में त्योहारी मांग बढ़ने से स्थानीय तेल-तिलहन बाजार में मंगलवार को सरसों तेल, सोयाबीन दाना और सोयाबीन डीगम, बिनौला, सीपीओ और पामेलीन तेल कीमतों में सुधार का रुख रहा । अन्य तेल तिलहनों के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।

बाजार में सबसे सस्ता और मिलावट मुक्त होने से सरसों तेल की अच्छी मांग बतायी जा रही है। आयातित तेल खुदरा बाजार में दस रुपये किलो या उससे अधिक महंगे पड़ रहे हैं। होली के त्योहार की वजह से कारोबारी के साथ साथ घरेलू मांग बढ़ने के कारण सरसों तेलों के भाव लाभ से बंद हुए।

तेल उद्योग के जानकारों बताया कि मलेशिया एक्सचेंज में क्रूड पामआयल में 2.25 प्रतिशत की तेजी रही जबकि शिकागो एक्सचेंज में सोयाबीन तेल में डेढ़ प्रतिशत की तेजी रही। कल रात शिकागो एक्सचेंज में तेजी की वजह से एक्सचेंज में ऊपरी सर्किट लगाना पड़ा।ऐसे में आयात शुल्क घटाने का उपभोक्ताओं को खास लाभ नहीं होगा, उल्टे इसका किसानों पर असर पड़ेगा।

वैश्विक स्तर पर सोयाबीन तेल के साथ साथ सोयाबीन के तेल रहित खल (डीओसी) की भारी मांग है। इसके अलावा सोयाबीन की बड़ियां बनाने वाले कंपनियों की भी मांग है और उन्हें सोयाबीन के बेहतर दाने की खरीद 6,800 रुपये क्विन्टल के भाव करनी पड़ रही है। इन परिस्थितियों के बीच सोयाबीन दाना और सोयाबीन डीगम तेल कीमतें लाभ दर्शाती बंद हुई।

बाजार सूत्रों का कहना है कि पामोलीन तेल की भारी हाजिर मांग है और बंदरगाहों पर इसका स्टॉक नहीं रह गया है। इसके अलावा मलेशिया एक्सचेंज में तेजी के कारण यहां सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों में भी सुधार आया। सामान्य कारोबार के बीच मूंगफली तेल तिलहनों के भाव अपरिवर्तित रहे जबकि मूंगफली के महंगा होने के बाद बिनौला की मांग बढ़ने से बिनौला तेल कीमतों में भी पर्याप्त सुधार आया।

सूत्रों का मानना है कि तेल- तिलहन के कारोबार पर सरकार की ओर से निगरानी रखने का आश्वासन दिया गया है जो एक बेहतर प्रयास साबित होगा। उनका कहना है कि आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए सस्ते आयातित तेलों पर आयात शुल्क घटाने के बजाय हमें देश में तिलहन उत्पादन बढ़ाने पर जोर देना कहीं अधिक बेहतर कदम साबित होगा। उनका मानना है कि आयात शुल्क कम करने से विदेशों में इन्हीं तेलों के दाम बढ़ा दिये जाते हैं जिसका देश या उपभोक्ताओं को कोई फायदा नहीं मिलता, उल्टे हमारे राजस्व की ही हानि होती है।

सूत्रों ने कहा कि सरसों और सोयाबीन के जो लाभकारी भाव किसानों को मिले हैं उसकी वजह से अगली फसल काफी बेहतर होने की उम्मीद है। इससे किसान सोयाबीन , सूरजमुखी, मूंगफली की खेती के लिए प्रेरित होंगे। उनका कहना है कि दलहनों की तरह तेल-तिलहनों का बाजार उदार रखने से उत्पादन बढ़ेगा और देश आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेगा। उनका कहना है कि खाद्य तेल का आयात कम होने तथा खली का निर्यात बढ़ने से अर्थव्यवस्था को डेढ़ से पौने दो लाख करोड़ रुपये तक का फायदा हो सकता है।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 5,950 - 6,000 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना - 6,255 - 6,320 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 15,320 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,470- 2,530 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 13,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,075 -2,165 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,205 - 2,320 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 14,500 - 17,500 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,900 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,600 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 12,700 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,600 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,900 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,300 रुपये।

पामोलिन कांडला 12,300 (बिना जीएसटी के)

सोयाबीन दाना 5,850 - 5,900 रुपये: सोयाबीन लूज 5,700- 5,750 रुपये

मक्का खल 3,605 रुपये।

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Web Title: Oilseed prices improve due to booming overseas and festive demand

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