नयी दिल्ली, 28 दिसंबर सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनी एनटीपीसी ने सोमवार को कहा कि उसकी दुलांगा खदान एक अक्टूबर, 2020 से वाणिज्यिक रूप से परिचालन में आ गयी है।
कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, ‘‘...एनटीपीसी लि. की ओड़िशा में दुलांगा कोयला खदान एक अक्टूबर, 2020 से वाणिज्यिक रूप से परिचालन में आ गई है। इसकी अधिकतम सालाना क्षमता 70 लाख टन है।’’
केंद्र सरकार ने एनटीपीसी को प्रत्यक्ष रूप से नौ कोयला खदान... पकरी बरवाडीह, चट्टी बरियातू और चट्टी बरियातू (दक्षिण), केरन्दारी, दुलांगा, तलाईपल्ली, बनई, भलुमुड़ा, मंदाकिनी-बी और बादाम.... आबंटित किये हैं।
बनहारडीह कोयला ब्लॉक पहले झारखंड सरकार को आबंटित किया गया था। अब इसे झारखंड सरकार और एनटीपीसी की संयुक्त उद्यम इकाई पतरातु विद्युत उत्पादन निगम लि. (पीयूवीएनएल) विकसित कर रही है।
एनटीपीसी की इन खदानों से सालाना 10.3 करोड़ टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य है।
कुल 10 कोयला ब्लॉक में से तीन खदान- पकरी बरवाडीह, दुलांगा और तलाईपल्ली परिचालन में हैं। इन खदानों से नवंबर 2020 तक 2.72 करोड़ टन कोयले का उत्पादन किया गया है।
चट्टी-बिरयातू और केरन्दारी विकास के अग्रिम चरण में हैं।
एनटीपीसी शेष पांच खदानों के लिये विभिन्न मंजूरी लेने की प्रक्रिया में है।
बिजली कंपनी ने कोयला खनन कारोबार के लिये पूर्ण अनुषंगी इकाई एनटीपीसी माइनिंग लि. का गठन किया है।
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