नाइक लैंगिक भेदभाव मुकदमा: कंपनी में 'बॉयज क्लब' कल्चर आरोप पर नए चौंकाने वाले खुलासे, 2018 का है मामला, जानें डिटेल
By विनीत कुमार | Published: December 22, 2022 11:40 AM2022-12-22T11:40:50+5:302022-12-22T11:41:42+5:30
नई दिल्ली: स्पोर्टवियर बनाने वाली कंपनी नाइक (Nike) के खिलाफ साल 2018 में आए एक लैंगिक भेदभाव के मुकदमे के बीच इस मामले से जुड़े कुछ अहम खुलासे सामने आए हैं। इन नए सामने आए डिटेल्स से ये बात सामने आई है कि कैसे कंपनी के 'ब्यॉस क्लब' कल्चर के बीच महिलाओं को भेदभाव का सामना करना पड़ा।
2018 में महिला नाइक कर्मचारियों ने लैंगिक भेदभाव, अनुचित कार्यस्थल आचरण और कंपनी के भीतर वेतन असमानता के आरोपों के बाद एक गुप्त सर्वे किया था। इसके बाद पूर्व महिला कर्मचारियों सारा जॉनसन और केली काहिल ने आरोपों के संबंध में स्पोर्ट्सवियर कंपनी के खिलाफ मुकदमा दायर किया था।
पिछले महीने बिजनेस इनसाइडर, ओरेगोनियन और पोर्टलैंड बिजनेस जर्नल की कानूनी चुनौती के बाद 5,000 से अधिक पन्नों के रिकॉर्ड में शामिल 10 गुमनाम सर्वे को सार्वजनिक किया गया। ये दस्तावेज नाइक में कार्यस्थल के माहौल के बारे में कई चौंकाने वाले खुलासे करते हैं।
सर्वे में महिला कर्मचारियों ने लगाए गंभीर आरोप
सर्वे में शामिल एक महिला ने कैंपस जिम में एक निचली-श्रेणी की महिला से पुरुष एग्जक्यूटिव कर्मचारी के ओरल सेक्स करने का खुलासा किया था। एक अन्य महिला का कहना है कि उन्हें पुरुष सहकर्मियों द्वारा 'कामुक ड्रेस' पहनने के लिए कहा गया था।
एक अन्य सर्वे में एक महिला ने एक पुरुष प्रबंधक द्वारा यह कहे जाने का जिक्र किया कि 'महिला सशक्तिकरण जैसे बकवास के बारे में कोई दिलचस्पी नहीं रखना चाहता है।'
बिजनेस ट्रिप के दौरान और काम की जगह पर महिलाओं पर बिना उनकी इजाजत के अपनी बाहें रखना, हीन व्यवहार करना और उन्हें 'बिच (bitch), हनी (Honey) जैसे शब्दों से संबोधित किया गया।
बिजनेस इनसाइडर के अनुसार लगभग 100 सर्वे एकत्र किए गए थे, जिनमें से 10 अब अदालती रिकॉर्ड से जुड़े हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार 2018 के आरोपों के बाद से कंपनी ने और अधिक समावेशी बनने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसमें महिलाओं और पुरुषों के वेतन समायोजन, भर्ती प्रक्रिया में बदलाव, मुआवजा प्रणाली में सुधार और अपने कार्यबल के बारे में अधिक जानकारी का खुलासा करना शामिल है।