New GST rates Highlights: स्वास्थ्य क्लब, सैलून, नाई, फिटनेस सेंटर, योग, रोटी, टीवी, छोटी कार, 350 सीसी तक की बाइक सस्ती, रियल एस्टेट-उद्योग जगत खुश

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 5, 2025 13:30 IST2025-09-05T13:29:45+5:302025-09-05T13:30:36+5:30

New GST rates Highlights: वर्तमान 12-18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की नई दर 22 सितंबर से प्रभावी होंगी।

New GST rates Highlights Health clubs, salons, barbers, fitness centres, yoga, roti, TV, small cars, bikes up to 350 cc are cheaper, real estate industry is happy | New GST rates Highlights: स्वास्थ्य क्लब, सैलून, नाई, फिटनेस सेंटर, योग, रोटी, टीवी, छोटी कार, 350 सीसी तक की बाइक सस्ती, रियल एस्टेट-उद्योग जगत खुश

सांकेतिक फोटो

Highlightsजिम, सैलून, नाई, योग केंद्र आदि की सेवाएं शामिल हैं।समाज के गरीब तबके के मासिक खर्च को कम करना है।टॉयलेट सोप बार पर कर घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है।

नई दिल्लीः स्वास्थ्य क्लब, सैलून, नाई, फिटनेस सेंटर, योग आदि सहित सौंदर्य एवं शारीरिक कल्याण सेवाओं पर जीएसटी दर को इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के साथ 18 प्रतिशत से घटाकर बिना टैक्स क्रेडिट के पांच प्रतिशत करने से इन सेवाओं के सस्ते होने की संभावना है। इसके अलावा, दैनिक उपयोग की वस्तुओं जैसे हेयर ऑयल, टॉयलेट सोप बार, शैम्पू, टूथब्रश, टूथपेस्ट भी सस्ते हो सकते हैं क्योंकि इन पर कर वर्तमान 12-18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की नई दर 22 सितंबर से प्रभावी होंगी।

जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में दरों को युक्तिसंगत बनाने की प्रक्रिया के तहत केंद्र एवं राज्यों ने आम आदमी द्वारा उपयोग की जाने वाली सौंदर्य व शारीरिक स्वास्थ्य सेवाओं पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने पर सहमति व्यक्त की। इसमें जिम, सैलून, नाई, योग केंद्र आदि की सेवाएं शामिल हैं।

टैल्कम पाउडर, फेस पाउडर, शेविंग क्रीम और आफ्टरशेव लोशन जैसी अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुओं की कीमतों में भी कमी आएगी क्योंकि इन पर जीएसटी 18 प्रतिशत से घटकर पांच प्रतिशत होगा। वित्त मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी दर को युक्तिसंगत बनाने का उद्देश्य ‘‘निम्न मध्यम वर्ग और समाज के गरीब तबके के मासिक खर्च को कम करना है।’’

टॉयलेट सोप बार पर कर घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है, लेकिन तरल साबुन पर कर 18 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। फेस पाउडर व शैंपू पर जीएसटी कम करने से बहुराष्ट्रीय कंपनियों एवं लक्जरी ब्रांड को लाभ होने के सवाल पर मंत्रालय ने कहा कि लगभग सभी वर्गों द्वारा दैनिक जीवन में इन वस्तुओं का इस्तेमाल किया जाता है।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘ हालांकि बहुराष्ट्रीय कंपनियों या लक्जरी ब्रांड द्वारा बेचे जाने वाले महंगे फेस पाउडर और शैंपू को भी लाभ होगा, लेकिन दरों को युक्तिसंगत बनाने का उद्देश्य कर ढांचे को और सरल बनाना है। सौंदर्य प्रसाधनों के ब्रांड या मूल्य के आधार पर कर लगाने से कर ढांचे में जटिलता उत्पन्न होगी और प्रशासन के लिए चुनौतियां भी खड़ी होंगी।’’ इसी प्रकार माउथवॉश पर जीएसटी नहीं घटाया गया है, लेकिन टूथपेस्ट, टूथब्रश व डेंटल फ्लॉस पर कर की दर घटाकर पांच प्रतिशत कर दी गई है क्योंकि ये ‘‘ यह दांत की स्वच्छता से जुड़ी मूलभूत वस्तुएं हैं।’’

एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ भागीदार रजत मोहन ने कहा कि स्वास्थ्य क्लब, सैलून, नाई, फिटनेस सेंटर और योग को पांच प्रतिशत की रियायती दर से सरकार ने व्यक्तिगत देखभाल और स्वास्थ्य को विलासिता के बजाय सुलभ आवश्यक वस्तु के रूप में स्थापित करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा, ‘‘ उपभोक्ता के नजरिये से इससे लागत कम होगी और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच बढ़ेगी।’’ मोहन ने कहा कि इस युक्तिकरण में एक महत्वपूर्ण मुद्दा यह है कि नई दरें बिना आईटीसी के आती हैं।

सीमेंट पर जीएसटी में कटौती से रियल एस्टेट क्षेत्र को मदद मिलेगी

जमीन, मकान के विकास से जुड़ी कंपनियों तथा विशेषज्ञों का कहना है कि सीमेंट पर जीएसटी दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने से निर्माण लागत कम होगी, जिसका फायदा उपभोक्ताओं एवं रियल एस्टेट उद्योग को होगा। भारतीय रियल एस्टेट डेवलपर्स संघों के परिसंघ (क्रेडाई) ने जीएसटी दर संरचना को सरल बनाने तथा इसे चार स्तरों से घटाकर दो स्तर करने के सरकार के निर्णय की सराहना की।

क्रेडाई के अध्यक्ष शेखर पटेल ने कहा कि यह एक सराहनीय सुधार है, जिससे समाज के सभी वर्गों को पर्याप्त राहत मिलेगी तथा इससे मुद्रास्फीति संबंधी दबाव में और कमी आने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘‘ सीमेंट पर जीएसटी को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करना एक ऐतिहासिक कदम है जिसका रियल एस्टेट एवं निर्माण क्षेत्रों पर परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ेगा।’’

पटेल ने कहा कि इस कटौती से कच्चे माल की कुल लागत में कमी आएगी जिससे अंततः मकान खरीदने वालों को लाभ होगा। रियल एस्टेट क्षेत्र के शीर्ष निकाय नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) के अध्यक्ष जी. हरि बाबू ने कहा, ‘‘ जीएसटी को युक्तिसंगत बनाने का यह कदम बेहद महत्वपूर्ण है और हम इसका स्वागत करते हैं।

यह सरकार की कर प्रणाली को और सरल एवं संतुलित बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) और वित्त मंत्री (निर्मला सीतारमण) की यह स्पष्ट प्रतिबद्धता देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को प्रोत्साहित करेगी और साथ ही अर्थव्यवस्था में विश्वास को मजबूत देगी।’’ उन्होंने कहा कि यह कदम रियल एस्टेट और इससे जुड़े उद्योगों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है।

सीमेंट और इस्पात जैसी प्रमुख निर्माण सामग्रियों पर कम जीएसटी से लागत घटेगी जिससे परियोजनाएं अधिक किफायती होंगी। रियल एस्टेट से जुड़ी सेवाएं देने वाली सीबीआरई के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया व अफ्रीका) अंशुमान मैगजीन ने कहा, ‘‘ सीमेंट और निर्माण सामग्री पर जीएसटी दरों में कमी एक निर्णायक कदम है जो रियल एस्टेट क्षेत्र को बेहद जरूरी राहत प्रदान करता है। सीमेंट, इस्पात और अन्य कच्चे माल आमतौर पर कुल निर्माण लागत का लगभग 40-45 प्रतिशत हिस्सा होते हैं।

इसलिए इस कटौती से परियोजना लागत में उल्लेखनीय कमी आएगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ डेवलपर अब इस बचत का कुछ हिस्सा मकान खरीदारों को दे सकते हैं, जिससे मकान किफायती होंगे और सभी क्षेत्रों में मांग बढ़ेगी।’’ सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड के संस्थापक एवं चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा, ‘‘ हम जीएसटी परिषद के, त्योहारों से पहले दरों के समायोजन के कदम का पूरी तरह स्वागत करते हैं।

कर बोझ में कमी से आम नागरिक को बड़ी राहत मिलेगी। विशेष रूप से आवासीय क्षेत्र को लाभ होगा क्योंकि निर्माण सामग्री जैसे सीमेंट पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत और ग्रेनाइट ब्लॉक पर 12 प्रतिशत से घटकर पांच प्रतिशत हो जाएगी। इसका सीधा असर मकानों की कीमतों में कमी और विभिन्न खंड में स्थायी मांग के रूप में दिखाई देगा।’’

कृष्णा ग्रुप और क्रिसुमी कॉरपोरेशन के चेयरमैन अशोक कपूर ने कहा, ‘‘ जीएसटी परिषद का अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों को लागू करने का निर्णय रियल एस्टेट सेक्टर के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इससे निर्माण सामग्री जैसे सीमेंट और मार्बल ब्लॉक पर करों में कमी का सीधा लाभ मिलेगा। मकानों के निर्माण की लागत घटेगी, डेवलपर के लिए अनुपालन आसान होगा और मकानों के खरीदारों के लिए कुल मिलाकर किफायती घर उपलब्ध होंगे।’’

एसकेए ग्रुप के निदेशक संजय शर्मा ने कहा, ‘‘ सीमेंट, टाइल, ईंट और पत्थर जैसी प्रमुख विनिर्माण सामग्रियों पर जीएसटी दरों में की गई कटौती सरकार का स्वागतयोग्य कदम है। इससे न केवल निर्माण लागत में कमी आएगी बल्कि बड़े पैमाने पर रियल एस्टेट को गति मिलेगी।’’ मिगसन ग्रुप के प्रबंध निदेशक (एमडी) यश मिगलानी ने कहा, ‘‘ सरकार ने निर्माण सामग्री पर जीएसटी घटाकर मकान खरीदारों और डेवलपर दोनों को बड़ी राहत दी है। ’’

जीएसटी परिषद ने दरों में व्यापक बदलाव को दी मंजूरी;  रोटी, टीवी, छोटी कार होंगी सस्ती

जीएसटी परिषद ने बुधवार को आम सहमति से माल एवं सेवा कर में व्यापक सुधारों को मंजूरी दे दी। इस निर्णय से रोटी, पराठा से लेकर हेयर ऑयल, आइसक्रीम और टीवी तक आम उपयोग की वस्तुएं सस्ती होंगी। वहीं व्यक्तिगत स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर कर से पूरी तरह से राहत मिलेगी। जीएसटी में पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो-स्तरीय कर संरचना को मंजूरी दी गयी है।

नई दरें 22 सितंबर, यानी नवरात्रि के पहले दिन से लागू होंगी। व्यक्तिगत उपयोग की लगभग सभी वस्तुओं पर दरों में कटौती की गयी है। दरअसल, सरकार घरेलू खर्च को बढ़ावा देने और अमेरिकी शुल्क के आर्थिक प्रभाव को कम करने की कोशिश कर रही है। यह उसी दिशा में उठाया गया कदम है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिन भर चली जीएसटी परिषद की बैठक में लिए गए निर्णय के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा, ‘‘सभी फैसले सर्वसम्मति से किए गए और किसी भी राज्य से कोई असहमति नहीं थी।’’

परिषद ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को मौजूदा चार स्लैब... पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत से दो दरों... पांच और 18 प्रतिशत करने को मंजूरी दे दी। महंगी कारों, तंबाकू और सिगरेट जैसी कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर 40 प्रतिशत के विशेष स्लैब का प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने कहा कि पान मसाला, गुटखा, सिगरेट, जर्दा जैसे चबाने वाले तंबाकू उत्पाद और बीड़ी को छोड़कर सभी उत्पादों के लिए नई दरें 22 सितंबर से प्रभावी होंगी। दैनिक उपयोग की खाद्य वस्तुओं पर कर की दर शून्य होगी।

वहीं दूध (अत्यधिक तापमान वाले), छेना, पनीर, पिज्जा ब्रेड, खाखरा, सादी चपाती या रोटी पर कर की दर पांच प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दी गई है। पराठे पर भी कर शून्य होगा जबकि अभी यह 18 प्रतिशत है। आम उपयोग के खाद्य और पेय पदार्थों... मक्खन और घी से लेकर सूखे मेवे, कंडेंस्ड दूध, पनीर, अंजीर, खजूर, एवोकाडो, खट्टे फल, सॉसेज और मांस, चीनी से बनी कन्फेशनरी, जैम और फलों की जेली, नारियल पानी, नमकीन, 20 लीटर की बोतल में पैक पेयजल, फलों का गूदा या रस, दूध, आइसक्रीम, पेस्ट्री और बिस्कुट, कॉर्न फ्लेक्स और अनाज युक्त पेय पदार्थ और चीनी से बनी मिठाइयों पर कर की दर को मौजूदा के 12 प्रतिशत या 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत किया जाएगा। रबड़, मानचित्र, पेंसिल, शार्पनर और अभ्यास पुस्तिकाओं पर पांच शून्य शुल्क लगेगा।

‘टूथ पाउडर’, दूध की बोतलें, रसोई के बर्तन, छाते, बर्तन, साइकिल, बांस के फर्नीचर और कंघी जैसी उपभोक्ता वस्तुओं पर कर की दर 12 प्रतिशत से घटकर पांच प्रतिशत किया गया है। शैम्पू, टैल्कम पाउडर, टूथपेस्ट, टूथब्रश, फेस पाउडर, साबुन और हेयर ऑयल पर कर की दरें 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी गई हैं।

सीतारमण ने कहा कि जीएसटी परिषद ने व्यक्तिगत जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के प्रीमियम भुगतान पर जीएसटी को हटाने का फैसला किया है। इससे लोगों के लिये बीमा पॉलिसी लेना सस्ता हो जाएगा। जीएसटी परिषद ने सीमेंट पर कर की दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया है। 1,200 सीसी से कम और 4,000 मिमी से अधिक लंबाई वाले पेट्रोल, एलपीजी और सीएनजी वाहनों तथा 1,500 सीसी और 4,000 मिमी तक लंबाई वाले डीजल वाहनों पर कर की दर मौजूदा 28 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत हो जाएगी।

सीतारमण ने कहा कि 350 सीसी तक की मोटरसाइकिलें और एयर कंडीशनर, डिशवॉशर एवं टीवी जैसे उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों पर भी कर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। 1,200 सीसी से ज्यादा और 4,000 मिमी से ज्यादा लंबी सभी गाड़ियों, 350 सीसी से ज्यादा क्षमता वाली मोटरसाइकिल और विमानों, और रेसिंग कारों पर 40 प्रतिशत कर लगेगा।

अतिरिक्त चीनी वाले शीतल पेय पदार्थों पर 40 प्रतिशत कर लगेगा। इलेक्ट्रिक वाहनों पर पांच प्रतिशत कर लगता रहेगा। राजस्व सचिव अरविंद श्रीवास्तव ने बताया कि जीएसटी दरों में बदलाव से पड़ने वाला वित्तीय प्रभाव करीब 48,000 करोड़ रुपये का होगा लेकिन राजकोषीय नजरिये से इसका कोई खास असर नहीं होगा।

जीएसटी परिषद के इस फैसले से कुल प्रीमियम में कमी आएगी क्योंकि कर अब काफी कम हो गया है। कर व्यवस्था को सरल बनाने का यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब अमेरिका को भारत के निर्यात पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाया जा रहा है। यह किसी देश पर लगाया गया सबसे ज्यादा शुल्क है।

भारतीय अर्थव्यवस्था उपभोग पर बहुत अधिक निर्भर है। पिछले वित्त वर्ष में निजी उपभोग का बाजार मूल्य पर सकल घरेलू उत्पाद में 61.4 प्रतिशत का योगदान रहा। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि जीएसटी सुधारों से इसके कार्यान्वयन के दूसरे वर्ष तक अर्थव्यवस्था में 0.5 प्रतिशत तक की अतिरिक्त वृद्धि होने की संभावना है। इससे अमेरिकी शुल्क का पूरा प्रभाव बेअसर हो जाएगा।

सीतारमण ने कहा कि राज्यों को राजस्व हानि की भरपाई को लिए गए ऋणों का पूरा भुगतान होने तक तंबाकू, गुटखा, तंबाकू उत्पादों और सिगरेट पर वर्तमान 28 प्रतिशत कर और क्षतिपूर्ति उपकर लागू रहेगा। रेस क्लब, पट्टा या किराये की सेवाओं, और कैसीनो/जुआ/घुड़दौड़/लॉटरी/ऑनलाइन मनी गेमिंग पर भी 40 प्रतिशत कर लगाया जाएगा। माल ढुलाई के तृतीय-पक्ष बीमा की सेवा की आपूर्ति पर इनपुट टैक्स क्रेडिट के साथ अब 12 प्रतिशत के बजाय पांच प्रतिशत कर लगेगा।

जीएसटी में सुधारों से छोटी कार, 350 सीसी तक की बाइक होंगी सस्ती

जीएसटी दरों में व्यापक बदलाव से छोटी कारें और मोटरसाइकिल सस्ती होंगी। जीएसटी परिषद ने बुधवार को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था में व्यापक बदलाव को मंजूरी दे दी। इसके तहत जीएसटी में पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो-स्तरीय कर संरचना को मंजूरी दी गयी है। नई दरें 22 सितंबर, यानी नवरात्रि के पहले दिन से लागू होंगी।

जीएसटी दरों में संशोधन के तहत 1,200 सीसी से कम और 4,000 मिमी से कम लंबाई वाले पेट्रोल, एलपीजी और सीएनजी वाहन तथा 1,500 सीसी और 4,000 मिमी तक लंबाई वाले डीजल वाहनों पर मौजूदा 28 प्रतिशत की जगह अब 18 प्रतिशत कर लगेगा। वहीं 350 सीसी तक की मोटरसाइकिल पर अब 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा जबकि वर्तमान में यह 28 प्रतिशत है।

वहीं 1,200 सीसी से अधिक और 4,000 मिमी से अधिक लंबी सभी वाहनों के साथ-साथ 350 सीसी से अधिक की मोटरसाइकिल और रेसिंग कार पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाया जाएगा। कर मोर्चे पर छोटी हाइब्रिड कारों को भी लाभ होगा। जबकि इलेक्ट्रिक वाहनों पर पांच प्रतिशत की दर से कर लगता रहेगा।

मर्सिडीज-बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी संतोष अय्यर ने एक बयान में कहा, ‘‘सरकार ने वाहन उद्योग की जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने की लंबे समय से चली आ रही मांग को सुना है।’’ उन्होंने कहा कि यह जीएसटी संशोधन सही दिशा में उठाया गया कदम है, प्रगतिशील है और खपत को बढ़ावा देकर बहुप्रतीक्षित प्रोत्साहन प्रदान करेगा और वाहन उद्योग को गति प्रदान करेगा।

कुल मिलाकर इससे अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। वर्तमान में, वाहनों पर 28 प्रतिशत कर लगता है। यह जीएसटी का सबसे ऊंचा स्लैब है। वाहन के प्रकार के आधार पर, कर की इस दर के ऊपर एक से 22 प्रतिशत तक का क्षतिपूर्ति उपकर लगाया जाता है।

इंजन, क्षमता और लंबाई के आधार पर कारों पर कुल कर दर छोटी पेट्रोल कारों के लिए 29 प्रतिशत जबकि एसयूवी के लिए 50 प्रतिशत तक है। इसके अलावा, वाहन कलपुर्जों पर जीएसटी को मौजूदा 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है।

Web Title: New GST rates Highlights Health clubs, salons, barbers, fitness centres, yoga, roti, TV, small cars, bikes up to 350 cc are cheaper, real estate industry is happy

कारोबार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे