BCCI बनाम बायजूस: राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की बेंगलुरु बेंच ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की उस याचिका को स्वीकार कर लिया है, जिसमें एडटेक ई-कॉमर्स फर्म बायजूस पर दिवालिया कार्यवाही करने की मांग की है। बीसीसीआई ने भारतीय क्रिकेट टीम के स्पॉन्सरशिप कॉन्ट्रैक्ट के तहत 158 करोड़ रुपए के कथित अवैतनिक बकाए को लेकर एडटेक दिग्गज के खिलाफ यह अपील दायर कर कार्यवाही की मांग की है।
भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी से जुड़ा मामलापिछले साल सितंबर में बीसीसीआई एनसीएलटी की बेंगलुरु बेंच बायजूस की मूल कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड पर केस दायर करने के लिए पहुंचा था। इसमें ये बताया था कि बायजूस की पेरेंट कंपनी ने 160 करोड़ रुपए का बकाया नहीं चुकाया और इस पर उसे डिफॉल्टर घोषित कर देना चाहिए। यह मामला भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी के प्रायोजन अधिकारों के विवाद से संबंधित है जिसके बाद न्यायाधिकरण ने मामले को 15 नवंबर को आगे की सुनवाई के लिए पंजीकृत किया।
ऐसे समय में बायजूस बीसीसीआई से इस मामले को सुलझाने के लिए बात कर रहा है, जिसे बीसीसीआई ने एनसीएलटी की बेंगलुरु बेंच में दाखिल किया है। एनसीएलटी ने अपने आदेश में कहा, "यह कहा गया है कि बायजूस को सामान्य नोटिस दिनांक 06.01.2023 को ईमेल के माध्यम से जारी किया गया था और टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) को छोड़कर, 158 करोड़ की डिफॉल्ट राशि थी, जैसा कि संलग्न चालान में दर्शाया गया है।"
बायजूस की बीसीसीआई, आईसीसी (इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल) और फीफा (फेडरेशन इंटरनेशनेल डी फुटबॉल एसोसिएशन) के साथ तीन प्रमुख ब्रांडिंग साझेदारी थी। ये साल 2023 में नवीनीकरण के लिए थे लेकिन ये पूरे नहीं हो सके।