प्याज के दाम हुए कम, अब 15 मार्च से हटेगा निर्यात पर प्रतिबंध, मोदी सरकार ने कहा- इस फैसले से किसानों की बढ़ेगी आमदनी
By संतोष ठाकुर | Published: March 3, 2020 08:31 AM2020-03-03T08:31:19+5:302020-03-03T08:31:19+5:30
सरकार का कहना है कि प्याज की मार्च में बंपर फसल हुई है. यह पिछले साल के 40 लाख टन की पैदावार से लगभग 40 प्रतिशत अधिक रही है. इसकी वजह से मंडी में प्याज की आवक काफी अधिक हो गई है और खुदरा बाजार में प्याज की कीमतों में स्थिरता आई है.
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने किसान हित का हवाला देते हुए प्याज के निर्यात पर लगी रोक को 15 मार्च से हटाने का निर्णय किया है. वाणज्यि मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि इस फैसले से किसानों की आमदनी बढ़ेगी. देश में प्याज की किल्लत होने और दामों के 200 रुपए प्रति किलो तक पहुंचने के बाद सरकार ने सिंतबर के अंत में प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी थी जिससे देश में प्याज की उपलब्धता बढ़ाई जा सके और दामों को स्थिर रखने में सहायता मिल पाए. इसके साथ ही सरकार ने तुर्की, अफगानिस्तान सहित कई देशों से प्याज का आयात किया था.
हालांकि वहां के प्याज के बड़ा होने, उनमें भारतीय प्याज की तरह स्वाद नहीं होने और उनका अधिकतर प्रयोग केवल सलाद के लिए किऐ जाने की वजह से इन देशों से प्याज आयात का कोई खास लाभ भारतीय उपभोक्ताओं को नहीं हो पाया था.
सरकार का कहना है कि प्याज की मार्च में बंपर फसल हुई है. यह पिछले साल के 40 लाख टन की पैदावार से लगभग 40 प्रतिशत अधिक रही है. इसकी वजह से मंडी में प्याज की आवक काफी अधिक हो गई है और खुदरा बाजार में प्याज की कीमतों में स्थिरता आई है. ऐसे में प्याज निर्यात पर और अधिक रोक तर्कसंगत नहीं है.
एक अधिकारी ने कहा कि खुदरा बाजार में प्याज के दाम 30—40 रुपए प्रति किलो तक आ गए हैं. यह दाम मार्च की प्याज पैदावर के बाद और कम होंगे. इसके अलावा भारतीय बाजार में प्याज की उपलब्धता हमारी मांग से काफी अधिक रहेगी, ऐसे में किसानों को निर्यात की इजाजत दी जा रही है, जिससे उन्हें प्याज की बंपर पैदावर का आर्थिक लाभ मिल पाए.