Housing Project Maharera: क्यूआर कोड दिखाना अनिवार्य, नहीं तो बिल्डरों पर ₹50000 तक जुर्माना!, जानें क्या है महारेरा नियम, एक अगस्त से लागू, ग्राहकों को कोड स्कैन पर सभी जानकारी
By सैयद मोबीन | Updated: August 5, 2023 13:13 IST2023-08-05T13:11:35+5:302023-08-05T13:13:42+5:30
nagpur Housing Project Maharera: एक अगस्त से लागू किया गया है. ऐसा नहीं करने वाले बिल्डरों पर 50 हजार रुपए तक जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है.

सांकेतिक फोटो
nagpur Housing Project Maharera: गृहनिर्माण परियोजनाओं की सभी विज्ञापनों, सूचना पुस्तिकाओं में महारेरा क्रमांक और वेबसाइट के पास स्पष्ट रूप से क्यूआर कोड दिखाना अनिवार्य किया गया है. इसे 1 अगस्त से लागू किया गया है. ऐसा नहीं करने वाले बिल्डरों पर 50 हजार रुपए तक जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है.
इससे ग्राहकों को क्यूआर कोड स्कैन करते ही संबंधित परियोजना के बारे में विस्तृत जानकारी मिल सकेगी. महारेरा में पंजीकृत सभी बिल्डरों को अपनी गृहनिर्माण परियोजनाओं की सभी विज्ञापनों और सूचना पुस्तिकाओं में महारेरा नंबर के साथ में क्यूआर कोड देना भी अनिवार्य किया गया है.
...वरना देना होगा जुर्माना
बिल्डरों को विज्ञापनों और सूचना पुस्तिकाओं में महारेरा नंबर और क्यूआर कोड देना अनिवार्य किया गया है. इसे सख्ती से लागू करने के लिए इसका पालन नहीं करने वालों पर 50 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान भी किया गया है.
एक अगस्त से क्रियान्वयन
बिल्डरों के लिए 1 अगस्त से अपनी स्कीमों के बारे में विज्ञापनों और सूचना पुस्तिकाओं में महारेरा क्रमांक और क्यूआर कोड दिखाना अनिवार्य किया गया है. अब गृहनिर्माण परियोजनाओं की हर विज्ञापन और ब्रॉउचर्स में ये दोनों चीजें दिखना जरूरी है.
सभी परियोजनाओं के लिए अलग क्यूआर कोड
महारेरा की ओर से सभी गृहनिर्माण परियोजनाओं को अलग-अलग क्यूआर कोड दिए गए हैं. पहले केवल महारेरा नंबर दिया जाता था, इसके साथ अब क्यूआर कोड भी दिया जा रहा है. यह क्यूआर कोड स्कैन करते ही ग्राहक को महारेरा में पंजीकृत संबंधित गृहनिर्माण परियोजना के बारे में विस्तृत जानकारी मिल सकेगी.
ग्राहकों की सुविधा के लिए अच्छी पहल
महारेरा नंबर और क्यूआर कोड को गृहनिर्माण परियोजनाओं की विज्ञापनों और ब्राउचर्स में दिखाने की पहल अच्छी है. इससे ग्राहकों को परियोजनाओं की जानकारी पाने में आसानी होगी. हालांकि हम महारेरा क्रमांक पहले भी दिया ही करते थे लेकिन अनेक ग्राहक इसके माध्यम से जानकारी सर्च नहीं कर पा रहे थे. अब क्यूआर कोड के कारण वे एक क्लिक पर जानकारी प्राप्त कर सकेंगे. इसका ग्राहकों को लाभ लेना चाहिए. - गौरव अग्रवाला, अध्यक्ष, क्रेडाई नागपुर मेट्रो