इंटरनेशनल फ्लाइट बंद रहने से यूडीएफ को 50 लाख का नुकसान, राजस्व बढ़ाने के लिए एमआईएल नई कवायद में जुटा
By वसीम क़ुरैशी | Updated: September 21, 2021 20:58 IST2021-09-21T20:56:59+5:302021-09-21T20:58:00+5:30
नागपुर से दाेहा के लिए कतर एयरवेज और शारजाह के लिए एयर अरेबिया की उड़ानें थीं. इन दाेनाें उड़ानाें के जरिए सालभर में नागपुर एयरपाेर्ट काे करीब 50 लाख रुपए यूजर डेवलपमेंट फीस (यूडीएफ) हासिल हाेती थी.

घरेलू उड़ानाें के यात्रियाें से 350 रुपए. काेराेनाकाल में लंबे अरसे तक घरेलू उड़ानें भी बंद रही हैं.
नागपुरः डाॅ. बाबासाहब आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय विमानतल पिछले डेढ़ साल से नाममात्र का इंटरनेशनल एयरपाेर्ट रह गया है. काेराेना के असर के चलते लगे लाॅकडाउन के साथ ही विदेशी उड़ानाें पर राेक लग गई थी. इसके बाद नागपुर से विदेशी उड़ानें शुरू ही नहीं हाे पाई हैं.
नागपुर से दाेहा के लिए कतर एयरवेज और शारजाह के लिए एयर अरेबिया की उड़ानें थीं. इन दाेनाें उड़ानाें के जरिए सालभर में नागपुर एयरपाेर्ट काे करीब 50 लाख रुपए यूजर डेवलपमेंट फीस (यूडीएफ) हासिल हाेती थी. काेराेना के असर काे देखते हुए कतर एयरवेज ने ताे नागपुर से संचालन ही बंद कर दिया. वहीं एयर अरेबिया कब संचालन शुरू कर पाएगी, ये भी स्पष्ट नहीं है.
उल्लेखनीय है कि इंटरनेशनल पैसेंजर से नागपुर एयरपाेर्ट पर 150 रुपए यूडीएफ वसूला जाता है, जबकि घरेलू उड़ानाें के यात्रियाें से 350 रुपए. काेराेनाकाल में लंबे अरसे तक घरेलू उड़ानें भी बंद रही हैं. इस कारण घरेलू उड़ानाें के यात्रियाें से मिलने वाले कराेड़ाें के यूडीएफ का भी भारी नुकसान हुआ है.
बीते करीब 10 साल से विमानतल विकास के लिए निजी भागीदार की राह तक रही मिहान इंडिया लिमिटेड (एमआईएल) टर्मिनल बिल्डिंग के भीतर ही आवश्यक विकास के लिए चुनाैतियाें से जूझ रही है. राजस्व जुटाने के नए उपाय करते हुए उसने एयरपाेर्ट के भीतर दुकानाें की जगह में बदलाव करते हुए कुछ जगह खाली की और अब यहां नई दुकानाें के लिए टेंडर किए जाएंगे.
सर्दियाें में उड़ानें बढ़ने के आसार
वर्तमान में नागपुर एयरपाेर्ट से भी 85 प्रतिशत उड़ानाें के ही संचालन की अनुमति है. इससे जाहिर है कि अभी 15 फीसदी डाेमेस्टिक फ्लाइट के पैसेंजर से यूडीएफ नहीं मिल पा रहा है. विमानतल के आधिकारिक सूत्राें के अनुसार सर्दियाें में तीन उड़ानें शुरू हाेने के आसार हैं. वहीं निकट भविष्य में एयरपाेर्ट के भीतर नई शाॅप भी लग जाएंगी. इसके बाद राजस्व की आवक में पहले जैसी स्थिति लाने में मदद हाेगी.