म्युचुअल फंड ने 2021 में 7 लाख करोड़ रुपये जोड़े; आगे ओमीक्रोन, दरों में बढ़ोतरी की चुनौतियां

By भाषा | Updated: December 26, 2021 15:32 IST2021-12-26T15:32:39+5:302021-12-26T15:32:39+5:30

Mutual funds add Rs 7 lakh crore in 2021; Omicron ahead, challenges to hike rates | म्युचुअल फंड ने 2021 में 7 लाख करोड़ रुपये जोड़े; आगे ओमीक्रोन, दरों में बढ़ोतरी की चुनौतियां

म्युचुअल फंड ने 2021 में 7 लाख करोड़ रुपये जोड़े; आगे ओमीक्रोन, दरों में बढ़ोतरी की चुनौतियां

(शिल्पी पाण्डेय)

नयी दिल्ली, 26 दिसंबर म्यूचुअल फंड ने वर्ष 2021 में निवेश के साधन के रूप में निवेशकों का भरोसा जीतने के साथ ही अपने प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियों (एयूएम) में सात लाख करोड़ रुपये का इजाफा किया। वहीं भारतीय कंपनियों ने इस साल इक्विटी और कर्ज के जरिये नौ लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि जुटाई।

हालांकि, ओमीक्रोन के चलते हालात बिगड़ने की आशंका और ब्याज दरों में संभावित बढ़ोतरी के चलते नए साल में मुश्किलों का सामना भी करना पड़ सकता है। दूसरी ओर कुछ विशेषज्ञों को उम्मीद है कि कोरोना वायरस का ओमीक्रोन स्वरूप पिछली दो लहलों जितना गंभीर नहीं होगा।

बड़ौदा म्यूचुअल फंड के सीईओ सुरेश सोनी ने कहा कि दुनिया ने काफी हद तक कोविड के साथ रहना सीख लिया है और भारत में तेजी से टीकाकरण होने के साथ ही अर्थव्यवस्था पर ओमीक्रोन का असर उतना विनाशकारी नहीं होना चाहिए, जितना कि पिछली लहरें का रहा है।

उन्होंने कहा कि कम ब्याज दरें, म्यूचुअल फंड के बारे में बढ़ती जागरूकता और अच्छे निवेश प्रदर्शन के चलते एयूएम में बढ़ोतरी जारी रहेगी।

भारत में म्यूचुअल फंड कंपनियों के संगठन एम्फी के मुताबिक इस उद्योग का एयूएम 2021 में नवंबर के अंत तक 24 प्रतिशत बढ़कर 38.45 लाख करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया, जो दिसंबर 2020 में 31 लाख करोड़ रुपये था।

प्राइमइन्वेस्टर डॉट इन की सह-संस्थापक विद्या बाला का मानना ​​है कि दिसंबर के अंत में म्यूचुअल फंड एयूएम का आंकड़ा थोड़ा कम या इतना ही रह सकता है, क्योंकि इस समय बाजार में सुधार का दौर चल रहा है।

मॉर्निंगस्टार इंडिया के संयुक्त निदेशक - शोध प्रबंधक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि दिसंबर में अग्रिम कर भुगतान के ऋण फंड्स से कुछ निकासी हो सकती है।

एम्फी के अध्यक्ष ए बालासुब्रमण्यम ने कहा कि ब्याज दरें कम होने से निवेशक पारंपरिक तरीकों के अलावा दूसरे विकल्पों की तलाश कर रहे हैं। इसके अलावा म्यूचुअल फंड के बारे में जागरूकता बढ़ने से लोगों की भागीदारी बढ़ी है।

दूसरी ओर भारतीय कंपनियों ने वर्ष 2021 में इक्विटी और कर्ज के जरिये नौ लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि जुटाई।

विशेषज्ञों ने कहा कि यदि ओमीक्रोन के चलते हालात खराब नहीं हुए तो इसमें 2022 के दौरान और अधिक मजबूती आने की उम्मीद है। ऐसा लग रहा है कि बाजार में धन की कोई कमी नहीं है।

फर्स्ट वाटर कैपिटल फंड के प्रमुख प्रायोजक रिकी कृपलानी ने कहा कि बैंक काफी समय से तरलता के भंडार पर बैठे हैं और गुणवत्ता वाले कर्जदारों के लिए अवसर काफी अच्छे हैं।

वर्ष 2021 में ऋण बाजारों के जरिए पूंजी जुटाने में तेजी से गिरावट आई है, जबकि इक्विटी फंड जुटाने में मजबूती आई है।

इस साल दिसंबर के मध्य तक कुल 9.01 लाख करोड़ रुपये में से 5.53 लाख करोड़ रुपये ऋण बाजार से जुटाए गए, जबकि 2.1 लाख करोड़ रुपये इक्विटी बाजार से मिले।

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Web Title: Mutual funds add Rs 7 lakh crore in 2021; Omicron ahead, challenges to hike rates

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