एमपीसी ब्योरा: कोविड मामलों में तेजी, पाबंदियों से वृद्धि परिदृश्य को लेकर अनिश्चितता बढ़ी

By भाषा | Updated: April 22, 2021 21:28 IST2021-04-22T21:28:16+5:302021-04-22T21:28:16+5:30

MPC details: Covid cases pick up, restrictions restrict uncertainty over growth scenario | एमपीसी ब्योरा: कोविड मामलों में तेजी, पाबंदियों से वृद्धि परिदृश्य को लेकर अनिश्चितता बढ़ी

एमपीसी ब्योरा: कोविड मामलों में तेजी, पाबंदियों से वृद्धि परिदृश्य को लेकर अनिश्चितता बढ़ी

मुंबई, 22 अप्रैल रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास और मौद्रिक नीति समिति के अन्य सदस्यों ने कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों और इसकी रोकथाम के लिये स्थानीय स्तर पर लगाये जा रहे ‘लॉकडाउन’ के कारण अनिश्चितताओं को देखते हुए नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं करने और वृद्धि को समर्थन देने के लिये उदार रुख बनाये रखने का निर्णय आम सहमति से किया।

बृहस्पतिवार को जारी मौद्रिक नीति समिति की बैठक के ब्योरे से यह जानकारी मिली।

गवर्नर ने एमपीसी की तीन दिवसीय बैठक के दौरान कहा, ‘‘इस समय आर्थिक पुनरूद्धार को प्रभावी रूप से सुरक्षित बनाये रखने की जरूरत है ताकि यह व्यापक और टिकाऊ हो।’’ समिति की बैठक 5 अप्रैल को शुरू हुई और 7 अप्रैल को संपन्न हुई।

केंद्रीय बैंक द्वारा जारी एमपीसी (मौद्रिक नीति समिति) बैठक के ब्योरे के अनुसार उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न भागों में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में उछाल तथा इसकी रोकथाम के लिये स्थानीय स्तर पर पाबंदियों से वृद्धि परिददृश्य के समक्ष अनिश्चितता पैदा हुई है।

दास ने कहा, ‘‘ऐसे परिवेश में पुनरूद्धार को समर्थन देने, उसे आगे बढ़ाने तथा मजबूत बनाने के लिये मौद्रिक नीति उदार बनी रहनी चाहिए। वृद्धि में जो गति आयी है, हमें उसे वित्त वर्ष 2021-22 में बनाये रखने की जरूरत है।’’

एमपीसी के अन्य सदस्य माइकल देबव्रत पात्रा (आरबीआई डिप्टी गवर्नर), मृदुल के सागर (आरबीआई के कार्यकारी निदेशक) और तीन बाह्य सदस्य...शशांक भिडे, आशिमा गोयल और जयंत आर वर्मा हैं। इन सभी ने रेपो दर को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखने के पक्ष में वोट किये।

पात्रा ने कहा कि जबतक पुनरूद्धार और मजबूत तथा टिकाऊ नहीं होता, अर्थव्यवस्था के लिये मौद्रिक नीति समर्थन करने वाली होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि खाद्य और ईंधन के दाम में तेजी के बावजूद दीर्घकाल में मुदास्फीति के व्यापक तौर पर स्थिर रहने का अनुमान है।

मृदुल के सागर ने कहा, ‘‘कोविड-19 के झटकों को देखते हुए फिलहाल हमारी प्राथमिकता वृद्धि को समर्थन देने वाली होनी चाहिए’’

जयंत आर वर्मा ने कहा कि 2020 की महामारी के झटकों के बाद आर्थिक पुनरूद्धार असंतुलित बना हुआ है और देश के कुछ भागों में कोविड मामलों के तेजी से वृद्धि के नीचे जाने का जोखिम बढ़ा है।

उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ मुद्रास्फीति लक्ष्य के मध्य बिंदु से लगातार ऊपर बनी हुई है। इसके कुछ समय तक ऊपर बने रहने की आशंका है।

वर्मा ने कहा, ‘‘यह कठिन समय है लेकिन मेरा मानना है कि स्थिति मौद्रिक नीति रुख को उदार बनाये रखने की है।’’

आशिमा गोयल ने कहा कि पूंजी खाता परिवर्तनीयता को लेकर भारत के सतर्क रुख का मतलब है कि अब भी स्थिर-ब्याज वाली प्रतिभूतियों में उतार चढ़ाव से भरा विदेशी पूंजी प्रवाह केवल निवेशकों के हाथ में पड़े छह प्रतिशत जी-सेक (सरकारी प्रतिभूति) तक ही सीमित बना हुआ है

शंशाक भिडे ने कहा कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में वस्तुओं की आपूर्ति और सेवाएं बढ़ाने के लिये नये निवेश और कर्ज की जरूरत होगी।

एमपीसी की अगली बैठक 2-4 जून, 2021 को होगी।

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Web Title: MPC details: Covid cases pick up, restrictions restrict uncertainty over growth scenario

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