Most Valuable Company List: रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सभी को पछाड़ा, सबसे मूल्यवान सूचीबद्ध कंपनी, टीसीएस दूसरे और एचडीएफसी बैंक तीसरे स्थान, देखें लिस्ट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 1, 2022 21:48 IST2022-12-01T21:47:27+5:302022-12-01T21:48:56+5:30
Most Valuable Company List: '2022 बरगंडी प्राइवेट हुरुन 500' की शीर्ष दस सूची में शामिल कंपनियों का कुल मूल्य करीब 226 लाख करोड़ रुपये आंका गया है।

17.25 लाख करोड़ रुपये के मूल्यांकन के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज सबसे ऊपर रही है।
Most Valuable Company List: रिलायंस इंडस्ट्रीज देश की सबसे मूल्यवान सूचीबद्ध कंपनी चुनी गई है जबकि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) दूसरे और एचडीएफसी बैंक तीसरे स्थान पर है। बृहस्पतिवार को जारी एक सूची में रिलायंस सबसे आगे रही है।
'2022 बरगंडी प्राइवेट हुरुन 500' की शीर्ष दस सूची में शामिल कंपनियों का कुल मूल्य करीब 226 लाख करोड़ रुपये आंका गया है। इसमें 17.25 लाख करोड़ रुपये के मूल्यांकन के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज सबसे ऊपर रही है। दूसरे स्थान पर मौजूद टीसीएस का मूल्यांकन 11.68 लाख करोड़ रुपये आंका गया है।
भारत की 500 सर्वाधिक मूल्यवान कंपनियों की सूची के दूसरे संस्करण में एचडीएफसी बैंक 8.33 लाख करोड़ रुपये मूल्यांकन के साथ तीसरे स्थान पर है। इस सूची के शीर्ष दस में इंफोसिस 6.46 लाख करोड़ रुपये मूल्यांकन के साथ चौथे स्थान पर है जबकि आईसीआईसीआई बैंक 6.33 लाख करोड़ रुपये मूल्यांकन के साथ पांचवें स्थान पर मौजूद है।
भारती एयरटेल 4.89 लाख करोड़ रुपये मूल्यांकन के साथ छठें स्थान, एचडीएफसी लिमिटेड 4.48 लाख करोड़ रुपये के साथ सातवें स्थान और आईटीसी 4.32 लाख करोड़ रुपये के साथ आठवें स्थान पर है। इस सूची में अडाणी समूह की दो कंपनियां नौंवें एवं दसवें स्थान पर रखी गई हैं।
अडाणी टोटल गैस 3.96 लाख करोड़ रुपये मूल्यांकन के साथ नौंवे स्थान पर मौजूद है जबकि अडाणी एंटरप्राइजेज 3.81 लाख करोड़ रुपये के साथ दसवें पायदान पर है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, ऊर्जा, खुदरा कारोबार, होटल, रेस्तरां एवं संबंधित क्षेत्र तथा उपभोक्ता सामान क्षेत्रों की कंपनियों में तीव्र वृद्धि दर्ज की गई है।
वहीं सॉफ्टवेयर एवं सेवा क्षेत्र को पिछले साल के मुकाबले कुल छह लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। हुरुन इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य शोधकर्ता अनस रहमान जुनैद ने कहा, "मुद्रास्फीति और आसन्न मंदी की पृष्ठभूमि में भारतीय आईटी आउटसोर्सिंग कंपनियों के बड़े सौदों में सुस्ती आने की उम्मीद है।
इसके साथ ही पॉलिसी बाजार, पेटीएम, जोमैटो और नाइका जैसे स्टार्टअप के मूल्यांकन में भी तगड़ी गिरावट आई है।" इस रिपोर्ट में शामिल कंपनियों के निदेशक मंडल में 16 प्रतिशत महिलाएं मौजूद हैं। सर्वाधिक महिला कर्मचारियों के मामले में टीसीएस आगे है जिसमें अकेले 2.1 लाख महिला कर्मचारी हैं।