लक्ष्मी विलास बैंक के जमाकर्ताओं का पैसा पूरी तरह से सुरक्षित: आरबीआई नियुक्त प्रशासक

By भाषा | Updated: November 18, 2020 21:39 IST2020-11-18T21:39:59+5:302020-11-18T21:39:59+5:30

Money depositors of Laxmi Vilas Bank fully secured: RBI appointed administrator | लक्ष्मी विलास बैंक के जमाकर्ताओं का पैसा पूरी तरह से सुरक्षित: आरबीआई नियुक्त प्रशासक

लक्ष्मी विलास बैंक के जमाकर्ताओं का पैसा पूरी तरह से सुरक्षित: आरबीआई नियुक्त प्रशासक

मुंबई, 18 नवंबर लक्ष्मी विलास बैंक के नवनियुक्त प्रशासक टी एन मनोहरन ने बुधवार को कहा कि बैंक के 20 लाख जमाकर्ताओं का पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है और उन्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने यह भी भरोसा जताया कि रिजर्व बैंक द्वारा तय समयसीमा के अंदर ही बैंक का विलय सिंगापुर के बैंक डीबीएस के साथ हो जाएगा।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को केनरा बैंक के पूर्व गैर-कार्यकारी चेयरमैन टी एन मनोहरन को 94 साल पुराना लक्ष्मी विलास बैंक का प्रशासक नियुक्त किया। आरबीआई ने संकट में फंसे निजी क्षेत्र के बैंक के निदेशक मंडल को हटाने के बाद प्रशासक की नियुक्ति की।

बैंक का नेटवर्थ नकारात्मक दायरे में जाने और एक चौथाई कर्ज एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) होने तथा कई प्रयासों के बाद भी पूंजी जुटाने में नकाम रहने के बाद उसपर 30 दिन के लिये लेन-देने को लेकर पाबंदी लगायी गयी है। पाबंदी की अवधि 16 दिसंबर को समाप्त होगी। पाबंदी के तहत प्रति खाताधारक 25,000 रुपये की निकासी की सीमा तय की गयी है।

लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) तीसरा बैंक है जिस पर पिछले साल सितंबर के बाद से पाबंदी लगायी गयी है। इससे पहले 2019 में सहकारी बैंक पीएमसी तथा इस साल मार्च में यस बैंक पर पाबंदी लगायी गयी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के दिशानिर्देश में यस बैंक को पटरी पर लाने में सफलता मिली जबकि पीएमसी संकट का समाधान अभी होना बाकी है।

मनोहरन ने ‘कांफ्रेन्स कॉल’ में संवादददताओं से कहा, ‘‘हम उपलब्ध नकदी पर नजर रख रहे हैं और नियामक के साथ भी समन्वय कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बड़ी संख्या में जमाकर्ताओं के निकासी के लिये आने पर भी किसी भी शाखा में नकदी की कमी नहीं हो।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें नकदी को लेकर नियामक का पूरा समर्थन हैं। किसी भी ग्राहक को अपने पैसे की सुरक्षा को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है।’’

एलवीबी का शेयर बीएसई में 20 प्रतिशत लुढ़क कर 12.40 रुपये प्रति इक्विटी पर आने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने ये बातें कही। दूसरी तरफ बीएसई मानक सूचकांक सेंसेक्स 0.52 प्रतिशत बढ़कर पहली बार 44,000 अंक के ऊपर बंद हुआ।

मनोहरन ने कहा कि एलवीबी के 20 लाख ग्राहकों के 20,070 करोड़ रुपये जमा हैं। इसमें से 14,000 करोड़ रुपये मियादी जमा और 6,070 करोड़ रुपये बचत और चालू खाते हैं।

उन्होंने कहा कि वहीं बैंक ने 17,000 करोड़ रुपये कर्ज दे रखा है। सितंबर में बैंक के पास 20,973 करोड़ रुपये जमा थे जो घटकर 20,070 करोड़ रुपये पर आ गये। वहीं इस दौरान कर्ज 16,622 करोड़ रुपये से बढ़कर 17,325 करोड़ रुपये पहुंच गया।

मनोहरन ने कहा कि मंगलवार की शाम से पाबंदी के बाद एटीएम के जरिये केवल 10 करोड़ रुपये की ही निकासी हुई है।

उन्होंने कहा, ‘‘बैंक से निकासी को लेकर होड़ जैसी कोई बात नहीं है। वैसे भी बैंक के पास पर्याप्त नकदी है और किसी भी जमाकर्ता को अपने पैसे की सुरक्षा को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है।’’

एक सवाल के जवाब में मनोहरन ने कहा कि आरबीआई 20 नवंबर को विलय को लेकर अंतिम योजना लाने से पहले सभी पक्षों की बातों को सुनेगा। अभी जो प्रस्ताव आया है, वह केवल मसौदा है।

उनसे यह पूछा गया था कि कई संस्थागत निवेशकों ने आरबीआई के एलवीबी के सभी शेयरों का मूल्य बट्टे खाते में डालते हुए शून्य किये जाने के प्रस्ताव को चुनौती देने की चेतावनी दी थी, इसको देखते हुए वह विलय को लेकर कैसे आशान्वित हैं।

एलवीबी को मार्च 2020 को समाप्त वित्त वर्ष में 836.04 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ। बैंक को चालू वित्त वर्ष की जुलई- सितंबर तिमाही में 396.99 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था जो एक साल पहले इसी तिमाही में 357.17 करोड़ रुपये था।

बैंक का शुद्ध एनपीए (फंसा कर्ज) सितंबर, 2020 को समाप्त तिमाही में शुद्ध कर्ज का 7.01 प्रतिशत रहा जो मार्च 2020 में 10.24 प्रतिशत था।

बैंक का सकल एनपीए दूसरी तिमाही में कुल कर्ज का 24 प्रतिशत से अधिक था।

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Web Title: Money depositors of Laxmi Vilas Bank fully secured: RBI appointed administrator

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