अभी नहीं कम होंगे पेट्रोल-डीजल के दाम, मोदी सरकार ने ये बताई वजह

By भाषा | Updated: April 2, 2018 20:42 IST2018-04-02T20:42:14+5:302018-04-02T20:42:40+5:30

भाजपा नीत राजग सरकार ने वैश्विक बाजार में कीमतों में नरमी के दौरान राजस्व बढ़ाने के इरादे से नवंबर 2014 और जनवरी 2016 के बीच उत्पाद शुल्क में नौ बार वृद्धि की।

modi government will not cut excise duty from diesel petrol | अभी नहीं कम होंगे पेट्रोल-डीजल के दाम, मोदी सरकार ने ये बताई वजह

अभी नहीं कम होंगे पेट्रोल-डीजल के दाम, मोदी सरकार ने ये बताई वजह

नई दिल्ली, 2 अप्रैलः नरेंद्र मोदी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पेट्रोल के दाम में वृद्धि से उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए उत्पाद शुल्क में तत्काल किसी प्रकार की कटौती की संभावना से सोमवार को इनकार किया। वैश्विक बाजारों में तेल के दाम बढ़ने से जहां डीजल उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है वहीं पेट्रोल चार साल के उच्च स्तर पर पहुंच गया है।

भाजपा नीत राजग सरकार ने वैश्विक बाजार में कीमतों में नरमी के दौरान राजस्व बढ़ाने के इरादे से नवंबर 2014 और जनवरी 2016 के बीच उत्पाद शुल्क में नौ बार वृद्धि की। हालांकि पिछले साल अक्तूबर में इसमें दो रुपये प्रति लीटर की कटौती की गयी।

यह पूछे जाने पर कि क्या दूसरी बार उत्पाद शुल्क में कटौती की जा सकती है, वित्त सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि फिलहाल नहीं। जब भी हम इसकी समीक्षा करेंगे, आपको इसकी जानकारी दी जाएगी।

इससे पहले, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि सरकार पेट्रोल के अंतरराष्ट्रीय मूल्यों पर नजर रख रही है लेकिन मुक्त बाजार कीमत निर्धारण व्यवस्था से पीछे नहीं हटा जाएगा। अगर पेट्रोल और डीजल को जितनी जल्दी माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाया जाता है, उपभोक्ताओं को लाभ होगा।

अंतरराष्ट्रीय तेल बाजारों में दाम बढ़ने से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल कीमत आज चार साल के उच्च स्तर 73.83 रुपये लीटर जबकि डीजल की दर अबतक के उच्चतम स्तर 64.69 रुपये पर पहुंच गयी। 

राष्ट्रीय राजधानी में यूरो-6 मानक वाले पेट्रोल और डीजल की बिक्री की शुरूआत को लेकर आयोजित कार्यक्रम में प्रधान ने कहा कि भारत को सभी को तेल उपलब्ध कराने के लिये बाजार आधारित कीमत व्यवस्था की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ईंधन कीमत निर्धारण पारदर्शी प्रणाली पर आधारित है और भाव में तेजी का कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम का चढ़ना है। जब तेल के दाम चढ़ते हैं, निश्चित रूप से उपभोक्ताओं को तकलीफ होती है। 

हालांकि मंत्री ने उपभोक्ताओं को राहत देने के लिये उत्पाद शुल्क में कटौती जैसे कदम के लिये सरकार के हस्तक्षेप का कोई संकेत नहीं दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र तथा राज्य विकास जरूरतों को पूरा करने के लिये कर राजस्व पर निर्भर हैं। पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क का 42 प्रतिशत हिस्सा राज्यों को जाता है और शेष 60 प्रतिशत का उपयोग राज्यों में विकास योजनाओं में केंद्र की हिस्सेदारी के वित्त पोषण के लिये किया जाता है।

प्रधान ने कहा कि जीएसटी परिषद को ऊर्जा सुरक्षा और ग्राहकों के हित में पेट्रोलियम को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार करना चाहिए।

Web Title: modi government will not cut excise duty from diesel petrol

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