मोदी सरकार ने शत्रु संपत्तियों की बिक्री प्रक्रिया शुरू की, जारी किए दिशानिर्देश

By भाषा | Published: March 27, 2018 02:31 AM2018-03-27T02:31:59+5:302018-03-27T02:31:59+5:30

गृह मंत्रालय ने इस संबंध में जिला स्तर पर मूल्यांकन समितियां गठित की है जिसकी अध्यक्षता जिलाधिकारी करेंगे। इसके साथ ही एक अतिरिक्त सचिव की अध्यक्षता में अंतर-मंत्रिस्तरीय निस्तारण समिति भी गठित की गयी है।

Modi government starts critical process of selling enemy properties | मोदी सरकार ने शत्रु संपत्तियों की बिक्री प्रक्रिया शुरू की, जारी किए दिशानिर्देश

मोदी सरकार ने शत्रु संपत्तियों की बिक्री प्रक्रिया शुरू की, जारी किए दिशानिर्देश

नई दिल्ली, 27 मार्चः सरकार नेअपने खजाने की हालात बेहतर बनाने के लिये 9,400 से अधिक शत्रु संपत्तियों को बेचने की प्रक्रिया शुरू की है, जिससे उसके खजाने में करीब एक लाख करोड़ रुपये सकते हैं। अधिकारियों ने कहा कि सरकार ने इस संबंध में दिशानिर्देश जारी किये हैं और संरक्षण कार्यालयों को तीन महीने के भीतर इस तरह की चल-अचल संपत्तियों की सूची देने को कहा है।

गृह मंत्रालय ने इस संबंध में जिला स्तर पर मूल्यांकन समितियां गठित की है जिसकी अध्यक्षता जिलाधिकारी करेंगे। इसके साथ ही एक अतिरिक्त सचिव की अध्यक्षता में अंतर-मंत्रिस्तरीय निस्तारण समिति भी गठित की गयी हैं ताकि प्रक्रिया को समयसीमा में पूरा किया जा सके।

यह कदम शत्रु संपत्ति( संशोधन एवं वैधीकरण) अधिनियम2017 और शत्रु संपत्ति( संशोधन) नियम 2018 में संशोधन के बाद उठाया गया है। संशोधन के बाद प्रावधान किया गया है कि विभाजन के दौरान या उसके बाद पाकिस्तान या चीन चले गये लोगों के वंशज भारत में छूट गयी संपत्तियों पर कोई दावा नहीं कर सकते हैं।

मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान या चीन की नागरिकता लेने वाले लोगों की जो संपत्तियां देश में रह गयी हैं उन्हें शत्रु संपत्ति कहा जाता है। पाकिस्तान गये लोगों की देश में ऐसी 9,280 संपत्तियां हैं और चीन गये लोगों से संबंधित 126 शत्रु संपत्तियां हैं। इन सभी संपत्तियों को भारत के शत्रु संपत्ति संरक्षक के अधीन रखा गया है।

गृह मंत्रालय ने कहा कि संरक्षण कार्यालय को ऐसी सारी संपत्तियों की सूची केंद्र सरकार को सौंपनी होंगी। उसने कहा, 'संरक्षकों को इस तरह की सारी संपत्तियों (चल एवं अचल) की सूची तैयार करनी होगी ताकि आदेश के प्रकाशन के तीन महीने के भीतर इसे केंद्र सरकार को सौंपा जा सके।' 

पाकिस्तान गये लोगों से संबंधित 9280 शत्रु संपत्तियों में उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक 4,991 संपत्तियां हैं। इसके बाद पश्चिम बंगाल में 2735 और दिल्ली में 487 संपत्तियां हैं।

चीन गये लोगों से संबंधित 126 शत्रु संपत्तियों में मेघालय में 57 और पश्चिम बंगाल में 29 संपत्तियां हैं। असम में ऐसी सात संपत्तियां हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने राज्यसभा को इससे पहले बताया था, 'सभी शत्रु संपत्तियों की अनुमानित कीमत करीब एक लाख करोड़ रुपये है।'

Web Title: Modi government starts critical process of selling enemy properties

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