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धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 72 रुपये बढ़कर 1,940 रुपये किया गया, अरहर, उड़द का 300 रुपये बढ़ा

By भाषा | Updated: June 9, 2021 21:23 IST

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नयी दिल्ली, नौ जून सरकार ने बुधवार को फसल वर्ष 2021-22 के लिये धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 72 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 1,940 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया। इसके साथ ही दलहन, तिलहन और मोटे अनोजों की दरों में भी पर्याप्त वृद्धि की गई है।

फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई से जून) के लिए वाणिज्यिक फसलों में, कपास के मीडियम स्टेपल किस्म के लिए एमएसपी को 211 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 5,726 रुपये किया गया तथा कपास की लांग स्टेपल किस्म के लिए एमएसपी को 200 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 6,025 रुपये कर दिया गया।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इससे किसानों को आने वाले सप्ताहों के दौरान दक्षिण पश्चिम मानूसन की प्रगति के साथ बुवाई का काम बढ़ाने में मदद मिलेगी और वह तय कर सकेंगे की कौन सी खरीफ फसल की पैदावार अधिक की जाये।

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मंत्रिमंडल ने फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई से जून) के लिए 14 खरीफ फसलों के एमएसपी को मंजूरी दी है। इससे किसानों को उनकी उत्पादन लागत के ऊपर 50 से 85 प्रतिशत तक प्राप्ति होगी।

एमएसपी के बारे में आशंकाओं को दूर करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि कुछ महीने पहले जब संसद में नये कृषि कानूनों को पारित किया गया था तब एमएसपी को लेकर आशंका जताई गई थी। ‘‘उस समय खुद प्रधानमंत्री और मैंने किसानों को आश्वस्त किया था कि एमएसपी नीति बनी रहेगी और भविष्य में भी यह क्रम जारी रहेगा।’’

उन्होंने कहा कि सरकार नियमित तौर पर रबी और खरीफ दोनों फसलों के एमएसपी तय करती आ रही है। गेहूं और धान की खरीद सरकारी उपक्रम भारतीय खाद्य निगम (एुसीआई) के जरिये हो रही है जबकि दलहन और तिलहनों की खरीद अन्य एजेंसियों के माध्यम से हो रही है।

फसल वर्ष 2021-22 के लिए खरीफ फसलों के एमएसपी की घोषणा करते हुए मंत्री ने कहा, ‘‘इसलिए, चिंता की कोई बात नहीं है। कृषि फसलों पर एमएसपी बरकरार है, एमएसपी पर खरीद हो रही है, इसे (एमएसपी) बढ़ाया भी जा रहा है और भविष्य में भी यह जारी रहेगा।’’

मंत्रिमंडल ने फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) के लिए धान (सामान्य किस्म) के एमएसपी को एक साल पहले के 1,868 रुपये से बढ़ाकर 1,940 रुपये प्रति क्विंटल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। धान के ‘ए’ ग्रेड किस्म के एमएसपी को पहले के 1,888 रुपये से 72 रुपये बढ़ाकर 1,960 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। धान खरीफ मौसम की प्रमुख फसल है।

मोटे अनाजों में, सरकार ने ज्वार (संकर किस्म) का एमएसपी 118 रुपये बढ़ाकर 2,738 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया, जो पिछले साल 2,620 रुपये था। फसल वर्ष 2021-22 के लिए ज्वार (मालदानी) के समर्थन मूल्य में समान वृद्धि करते हुए इसे 2,758 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है।

इसी तरह, बाजरा का एमएसपी पिछले वर्ष के 2,150 रुपये से बढ़ाकर 2,250 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। इसी प्राकार रागी के समर्थन मूल्य को 82 रुपये बढ़ाकर 3,377 रुपये प्रति क्विन्टल कर दिया गया। मक्का का समर्थन मूल्य पिछले साल के 1,850 रुपये से 20 रुपये बढ़ाकर 1,870 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है।

अलग से जारी एक बयान में, सरकार ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में तिलहन, दलहन और मोटे अनाजों की फसल को बढ़ावा देने के लिये इनके एमएसपी तय किये गए ताकि किसानों अधिक भूभाग में इन फसलों की खेती करने तथा मांग और आपूर्ति के अंतर को पाटने के लिए खेती के नये तौर तरीकों और अद्यतन तकनीकों को अपनाने की ओर प्रोत्साहित हो सकें।

दलहन और तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देने और इनके आयात पर देश की निर्भरता को कम करने के लिए, सरकार ने फसल वर्ष 2021-22 के लिए तुअर का समर्थन मूल्य 300 रुपये बढ़ाकर 6,300 रुपये कर दिया, जो पिछले साल 6,000 रुपये प्रति क्विंटल था।

इसी प्रकार उड़द के एमएसपी को भी इतना ही बढ़ाकर फसल वर्ष 2021-22 के लिए 6,300 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। मूंग का एमएसपी 79 रुपये बढ़ाकर 7,275 रुपये क्विंटल किया गया है।

खरीफ मौसम की तिलहन फसलों में तिल के एमएसपी में 452 रुपये की वृद्धि कर इसे फसल वर्ष 2021-22 के लिए 7,307 रुपये किया गया है जो पिछले साल 6,855 रुपये क्चिन्टल था।

सरकार ने मूंगफली के एमएसपी को 275 रुपये बढ़ाकर 5,550 रुपये क्विंटल किया गया है जो पिछले साल 5,275 रुपये क्चिन्टल था। इसी प्रकार सूरजमुखी दाना के एमएसपी को 130 रुपये बढ़ाकर 6,015 रुपये क्चिन्टल किया गया है।

सोयाबीन (पीला) का एमएसपी 70 रुपये बढ़ाकर 3,950 रुपये क्चिन्टल और नाइजर सीड के एमएसपी को 235 रुपये बढ़ाकर 6,930 रुपये किया गया जो पहले 6,695 रुपये क्चिन्टल था।

दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए, सरकार ने आगामी सत्र में कार्यान्वयन के लिए एक विशेष खरीफ रणनीति तैयार की है।

अरहर, मूंग और उड़द के खेती के रकबे और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की गई है। रणनीति के तहत, सभी उपलब्ध अधिक उपज देने वाली बीज किस्मों (एचवाईवी) को मुफ्त में वितरित किया जाएगा।

इसी तरह तिलहन के लिए सरकार ने खरीफ सत्र 2021 के लिए किसानों को अधिक उपज देने वाली किस्मों के बीजों को मिनी किट के रूप में मुफ्त वितरण की महत्वाकांक्षी योजना को मंजूरी दी है।

उर्वरकों के संदर्भ में, मंत्री ने कहा कि सरकार ने हाल ही में वैश्विक बाजारों के अनुरूप डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) की खुदरा कीमतों में वृद्धि की है, लेकिन सरकार ने सब्सिडी के हिस्से को यह सुनिश्चित करने के लिए बढ़ा दिया है कि खरीफ सत्र के दौरान किसानों को यह पोषक उर्वरक 1,200 रुपये प्रति बैग की पहले की कीमत पर ही मिलता रहे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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