जीएसटी परिषद की बैठक 20 जून को, ई-इनवॉयस के लिये 50 करोड़ रुपये के कारोबारी की सीमा हो सकती है तय

By भाषा | Updated: June 9, 2019 17:06 IST2019-06-09T17:06:00+5:302019-06-09T17:06:00+5:30

Meeting of GST Council on 20th June, the limit of business worth Rs. 50 crores for e-invoice may be fixed | जीएसटी परिषद की बैठक 20 जून को, ई-इनवॉयस के लिये 50 करोड़ रुपये के कारोबारी की सीमा हो सकती है तय

जीएसटी परिषद की बैठक 20 जून को, ई-इनवॉयस के लिये 50 करोड़ रुपये के कारोबारी की सीमा हो सकती है तय

वित्त मंत्रालय कंपनी से कंपनी के बीच खरीद फरोखत (बी2बी) के लिये एक केंद्रीकृत सरकारी पोर्टल पर ई-इनवॉयस सृजित करने की प्रस्तावित व्यवस्था 50 करोड़ रुपये या उससे अधिक के कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए जरूरी करने का प्रस्ताव कर सकता है। जीएसटी की चोरी पर अंकुश लगाने के लिये यह कदम उठाने की योजना है। एक अधिकारी ने यह कहा। इस प्रस्ताव पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की 20 जून को होने वाली अगली बैठक में राज्यों के साथ परामर्श कर निर्णय किया जाएगा।

कंपनियों की ओर से प्रस्तुत विवरणों के विश्लेषण से पता चलता है कि 2017-18 में 68,041 कंपनियों ने 50 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार दिखाया। इन कंपनियों का जीएसटी) में योगदान 66.6 प्रतिशत रहा ।

जीएसटी भुगतान करने वाली कुल इकाइयों में ऐसी कंपनियों का हिस्सा केवल 1.02 प्रतिशत है पर बी2बी इनवॉयस निकालने के मामले में इनकी हिस्सेदारी करीब 30 प्रतिशत है। अधिकारी ने पीटीआई भाषा को बताया, ‘‘जीएसटी परिषद के सहमत होने पर बी2बी बिक्री के लिये ई-इनवॉयस सृजित करने को लेकर इकाइयों के लिये कारोबार सीमा 50 करोड़ रुपये तय की जा सकती है। इस सीमा के साथ बड़े करदाता जिनके पास अपने साफ्टवेयर को एकीकृत करने की बेहतर प्रौद्योगिकी है, उन्हें बी2बी बिक्री के लिये ई-इनवॉयस सृजित करना होगा।’’

ई-इनवॉयस सृजित करने के साथ 50 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाली इकाइयों को रिटर्न फाइल करने और इनवॉयस अपलोड करने के दो काम से राहत मिलेगी। वहीं सरकार को इनवॉयस के दुरूपयोग को रोकने तथा कर चोरी पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी। अधिकारी ने आगे कहा कि मौजूदा प्रणाली में इनवॉयस सृजित करने और बिक्री रिटर्न भरने के बीच समय का अंतर होता है। मासिक बिक्री सारांश रिटर्न जीएसटीआर 3बी भरने और जीएसटी भुगतान करने वालों की संख्या उन इकाइयों से अधिक है जो आपूर्ति रिटर्न जीएसटी-1 भर रहे हैं।

इसमें इनवॉयस के विवरण के साथ विवरण भरा जाता है। विश्लेषण से पता चलता है कि अंतर का कारण इनवॉयस अपलोड करने में कठिनाई या फिर इसके पीछे मकसद इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दुरूपयोग है। मंत्रालय ई-इनवॉयस प्रणाली सितंबर से शुरू करने की योजना बना रहा है। 

Web Title: Meeting of GST Council on 20th June, the limit of business worth Rs. 50 crores for e-invoice may be fixed

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