INX मीडिया मामलाः हाई कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुरक्षित रखा फैसला
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: March 16, 2018 08:27 PM2018-03-16T20:27:59+5:302018-03-16T20:30:38+5:30
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने यह कहते हुए कार्ति को जमानत देने का विरोध किया कि उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया और मामले के गवाहों को प्रभावित किया।
नई दिल्ली, 16 मार्च। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। न्यायाधीश एस.पी गर्ग ने अभियोजन पक्ष के साथ-साथ बचाव पक्ष के वकील की दलीलें सुनने के बाद याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। कार्ति चिदंबरम के वकील ने अदालत के समक्ष दलील दी कि उनके मुवक्किल ने जांच के दौरान पूरा सहयोग किया है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने यह कहते हुए कार्ति को जमानत देने का विरोध किया कि उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया और मामले के गवाहों को प्रभावित किया। हालांकि, एजेंसी ने गवाहों के नाम नहीं बताए। सीबीआई ने कहा कि कार्ति को जमानत दी गई तो वह साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। विशेष अदालत ने सोमवार को कार्ति चिदंबरम को 24 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजा था।
इससे पहले गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज आईएनएक्स मीडिया धन शोधन मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा कार्ति चिदम्बरम को गिरफ्तारी से संरक्षण की अवधि 28 मार्च तक के लिये बढ़ा दी थी। न्यायालय ने इसके साथ ही धन शोधन रोकथाम कानून की धारा-19 की व्याख्या को लेकर विभिन्न उच्च न्यायालय की परस्पर विरोधी व्याख्या को देखते हुये दिल्ली उच्च न्यायालय में लंबित मामला अपने यहां मंगा लिया है।
यह धारा धन शोधन के मामले में आरोपी को गिरफ्तार करने के प्रवर्तन निदेशालय के अधिकार से संबंधित है। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा कि इस मामले पर 26 मार्च को सुनवाई की जायेगी और शीर्ष अदालत धारा-19 की व्याख्या के बारे में अपनी सुविचारित व्यवस्था देगी।