कोरोना महामारी के बीच प्रबंधन खुद के खर्चों में कमी लाये, कामकाज में मितव्ययिता जरूरी: भार्गव

By भाषा | Updated: August 24, 2021 18:11 IST2021-08-24T18:11:43+5:302021-08-24T18:11:43+5:30

Management should reduce its own expenses in the midst of corona epidemic, economy in work is necessary: Bhargava | कोरोना महामारी के बीच प्रबंधन खुद के खर्चों में कमी लाये, कामकाज में मितव्ययिता जरूरी: भार्गव

कोरोना महामारी के बीच प्रबंधन खुद के खर्चों में कमी लाये, कामकाज में मितव्ययिता जरूरी: भार्गव

देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आर सी भार्गव ने मंगलवार को कहा कि कंपनी प्रबंधन को ‘व्यक्तिगत रूप से स्वयं पर होने वाले खर्चों को कम करने’ की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी ने कामकाज में मितव्ययिता के साथ आंतरिक संसाधन के निर्माण की जरूरत को रेखांकित किया है। कंपनी की सालाना आम बैठक में शेयरधारकों को ‘ऑनलाइन’ संबोधित करते हुए भार्गव ने हाल में शेयरधारकों के कदम को पूरे उद्योग के लिये एक अच्छी चीज करार दिया। इसके तहत शेयरधारकों ने बिना स्पष्ट विवरण के प्रबंधन को खुद पर किये जाने वाले खर्च को लेकर मंजूरी नहीं दी। उन्होंने कहा कि महामारी के मद्देनजर उद्योग और कंपनियों के लिये आंतरिक संसाधन तैयार करना महत्वपूर्ण बन गया है। इसके लिये कंपनियों को कामकाज में और मितव्ययिता लाने की जरूरत है। भार्गव ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि प्रबंधन को व्यक्तिगत रूप से अपने ऊपर विभिन्न प्रकार के खर्चों में कमी लाने की जरूरत है। ऐसा लगता है कि हाल में शेयरधारकों का कदम, विचार और मतदान यह सुझाव देता है.... यह पूरे उद्योग के लिये अच्छा है।’’ उल्लेखनीय है कि इस महीने की शुरूआत में आयशर मोटर्स लि. के सिद्धार्थ लाल को पारितोषिक बढ़ाये जाने के साथ फिर से प्रबंध निदेशक नियुक्त करने के लिये लाये गये विशेष प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिली। कुल शेयरधारकों में से 73 प्रतिशत ने पक्ष में जबकि करीब 27 प्रतिशत ने खिलाफ में मतदान किये। विशेष प्रस्ताव पारित होने के चलते इस पर 75 प्रतिशत शेयरधारकों की मंजूरी जरूरी होती है। कंपनी के निदेशक मंडल ने सोमवार को वेतन पैकेज में बदलाव के साथ दोबारा से प्रबंध निदेशक पद पर एक मई, 2021 से लाल की नियुक्ति को लेकर शेयरधारकों से मंजूरी लेने का फैसला किया। महामारी से मिली सीख का जिक्र करते हुए, भार्गव ने कहा कि जिन कंपनियों की वित्तीय स्थिति मजबूत थी, जो आंतरिक संसाधन पैदा कर रही थीं और उसे बनाये रख रही थी, वे कोविड-19 संकट से निपटने में बेहतर रूप से सक्षम रहीं। उन्होंने कहा, ‘‘ये कंपनियां अपने कर्मचारियों की बेहतर तरीके से परवाह करने और यथाशीघ्र उत्पादन शुरू करने में सक्षम रहीं।’’ उन्होंने कहा कि कंपनियों को महामारी के कारण जिस प्रकार के संकट का सामना करना पड़ा, उससे निपटने के लिये मजबूत होने की आवश्यकता है। भार्गव ने एक बार फिर कार उद्योग पर ऊंचे कराधान का मुद्दा उठाते हुये इस पर गौर किये जाने का सरकार से आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस मामले में पूरी तरह स्पष्ट हूं कि यदि भारत में मजबूत औद्योगिक आधार बनाया जाना है तो वाहन उद्योग और कार उद्योग को दहाई अंक में वृद्धि हासिल करनी होगी लेकिन मौजूदा परिस्थितियां इसके लिये अनुकूल नहीं लगतीं हैं कि हम इसे हासिल कर सकें।

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