Livestock Industry: देश की अर्थव्‍यवस्‍था बढ़ाएगा पशुधन उद्योग, 20-21 सितंबर को गोवा में जुटेंगे दिग्‍गज

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 11, 2024 12:25 IST2024-09-11T12:24:07+5:302024-09-11T12:25:21+5:30

Livestock Industry: केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन, डेयरी और पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह मुख्य अतिथि होंगे।

Livestock industry increase country's economy industry veterans gather national conference organized in Goa on 20-21 September | Livestock Industry: देश की अर्थव्‍यवस्‍था बढ़ाएगा पशुधन उद्योग, 20-21 सितंबर को गोवा में जुटेंगे दिग्‍गज

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Highlightsसुरेश देवड़ा ने कहा कि इस वर्ष सम्मेलन में इस बार विषय होगा "टिकाऊ पशुधन क्षेत्र: खतरे, चुनौतियां और अवसर।" सालाना टर्नओवर 12 लाख करोड़ है। यह साल-दर-साल कृषि से अधिक बढ़ रहा है।आज एक बड़ी चुनौती कच्चे माल की घटती आपूर्ति के साथ पशु आहार की उपलब्धता है।

नई दिल्लीः पशुधन उद्योग को और बेहतर बनाने को सीएलएफएमए ऑफ इंडिया (क्लेफमा) अपने 65वें राष्ट्रीय सम्मेलन व 57वें वार्षिक आम बैठक (एजीएम) का आयोजन करने जा रहा है, जिसमें पशुधन उद्योग से जुड़े मुद्दों पर मंथन किया जाएगा। 20-21 सितंबर को नोवोटेल गोवा रिसोर्ट में होने वाले इस राष्ट्रीय सम्मेलन में पैनल के सदस्य अपने-अपने विचार रखेंगे। इस राष्ट्रीय सम्मेलन में दुनिया भर से करीब 400 एक्सपर्ट्स हिस्सा लेंगे, जो इस क्षेत्र को और अधिक उन्नत बनाने के विकल्पों पर चर्चा करेंगे। कार्यक्रम में केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन, डेयरी और पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह मुख्य अतिथि होंगे।

गोवा में होने वाले इस दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन को लेकर सीएलएफएमए ऑफ इंडिया के चेयरमैन सुरेश देवड़ा ने कहा कि इस वर्ष सम्मेलन में इस बार विषय होगा "टिकाऊ पशुधन क्षेत्र: खतरे, चुनौतियां और अवसर।" उन्होंने बताया कि इस उद्योग का सालाना टर्नओवर 12 लाख करोड़ है। यह साल-दर-साल कृषि से अधिक बढ़ रहा है।

साथ ही उन्होंने कहा कि आज एक बड़ी चुनौती कच्चे माल की घटती आपूर्ति के साथ पशु आहार की उपलब्धता है। इसलिए, प्राथमिक ध्यान चारा उत्पादन के लिए वैकल्पिक कच्चे माल की खोज पर है। इसके अतिरिक्त, सम्मेलन का उद्देश्य किसानों और पशुधन उत्पादकों के लिए "फार्म-टू-फोर्क" दृष्टिकोण पर आधारित एक मंच विकसित करना है।

इसके साथ ही इस सम्मेलन में पशुधन उद्योग को और बेहतर बनाने के ऊपर चर्चा करते हैं। आयोजन में उद्योग के दिग्गज, भारत सरकार के विशेषज्ञ और विभिन्न स्टेकहोल्डर्स समेत करीब 400 से अधिक एक्सपर्ट्स भाग लेंगे. देवड़ा ने बताया कि सीएलएफएमए एक पशुधन संघ और शीर्ष संगठन है, जो देश में पशुपालन पर आधारित कृषि का प्रतिनिधित्व करता है और 1967 में शुरू हुए पशुधन उद्योग की 'वन वॉयस' यानी 'एक आवाज' योजना को बढ़ावा देता है।

यहां बता दें कि अखिल भारतीय स्तर पर एसोसिएशन के 233 से ज्यादा सदस्य हैं, जिनके माध्यम से फीड मैन्यूफैक्चरिंग और एनीमल प्रोटीन वैल्यू चेन को मजबूत आधार मिलता है, जिनमें एक्वा, डेयरी, पोल्ट्री, एनिमल न्यूट्रिशन और स्वास्थ्य, पशु चिकित्सा सेवाएं, मशीनरी व उपकरण से संबंधित अन्य व्यवसाय, एनिमल प्रोटीन की प्रोसेसिंग, डिस्ट्रीब्यूशन और खुदरा बिक्री शामिल है।

ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि दुनियाभर में कई राष्ट्र इस सेक्टर की अहमियत को समझते हुए पशुओं के स्वास्थ्य और पशु पालकों के उत्थान के लिए योजनाएं बनाकर निवेश कर रहे हैं। जिस प्रकार से दुनियाभर में उच्च गुणवत्ता वाले डेयरी उत्पादों की मांग बढ़ रही है, उससे आने वाले समय में इस क्षेत्र के भी विस्तार लेने की पूरी आशा है। पशुधन सेक्टर भारतीय अर्थव्यवस्था की भी महत्वपूर्ण धुरी है। इतना ही नहीं यह सेक्टर किसानों और पशुपालन क्षेत्र से जुड़े लोगों को रोजगार भी प्रदान कराता है।

Web Title: Livestock industry increase country's economy industry veterans gather national conference organized in Goa on 20-21 September

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