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कोविड- 19 से चीनी बिक्री प्रभावित, बिना बिके कोटा को बेचने के लिये मिलों ने मांगा और समय: चीनी संघ

By भाषा | Updated: April 5, 2021 18:37 IST

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नयी दिल्ली, पांच अप्रैल नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज (एनएफसीएसएफ) ने सोमवार को मांग की कि सरकार को बिना बिके चीनी कोटा को खत्म करने के लिए मिलों को और समय देना चाहिए क्योंकि महामारी के कारण उनकी बिक्री प्रभावित हुई है।

चीनी मिलों को सरकार द्वारा निर्धारित दर 31 रुपये प्रति किलो के हिसाब से चीनी बेचना मुश्किल हो रहा है। एनएफसीएसएफ ने कहा कि वे धन की कमी का सामना कर रहे हैं और समय पर उत्पादकों को गन्ने का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं।

चीनी की मांग में गिरावट के साथ, एनएफसीएसएफ ने सरकार से अगले महीने में कम चीनी कोटे का आवंटन करने का आग्रह किया। अप्रैल के लिए, सरकार ने चीनी बिक्री के लिए 22 लाख टन का रिकॉर्ड कोटा तय किया है।

सरकार देश भर की चीनी मिलों के उत्पादन आंकड़ों के आधार पर हर महीने चीनी बिक्री का कोटा तय करती है ताकि सभी छोटी और बड़ी मिलें चीनी बेच सकें।

एनएफसीएसएफ के अध्यक्ष जयप्रकाश दांडेगांवकर के अनुसार, पिछले साल मार्च में लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से सुस्त मांग के कारण चीनी बिक्री में लगभग 10 लाख टन की कमी आई है। जिसके परिणामस्वरूप सभी कन्फेक्शनरी, शीतल पेय, चॉकलेट, बिस्कुट और मिठाई का कारोबार करने वालों का कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ।

एनएफसीएसएफ ने एक बयान में कहा कि पिछले छह महीनों में जारी किए गए कोटा, चीनी की बिक्री और पूरा न किये जा सके कोटा की समीक्षा के बाद ऐसा लगता है कि सहकारी चीनी मिलों के कोटा का 50 प्रतिशत भाग बिना बिके रह गया।

यह पाया गया है कि आवंटित चीनी कोटा में से केवल आधा कोटा ही बिक सका और वह भी 31 रुपये प्रति किलो के हिसाब से। लेकिन इस दर पर भी सहकारी चीनी मिलों को बेचना मुश्किल हो रहा है।

इस सब के परिणामस्वरूप, एनएफसीएसएफ ने कहा कि सहकारी चीनी मिलें ‘तनाव का सामना कर रही हैं’ क्योंकि उनका धन चीनी स्टॉक में अटक गया है और उस पर ब्याज का बोझ रोज बढ़ रहा है।

इन सबके बीच, एनएफसीएसएफ ने कहा कि केंद्र सरकार ने चालू महीने के लिए 22 लाख टन के रिकॉर्ड चीनी बिक्री कोटा की घोषणा की। यह कोटा पिछले पांच साल में घोषित 18 लाख टन के औसत से चार लाख टन अधिक है।

एनएफसीएसएफ अध्यक्ष ने कहा, ‘‘इससे चीनी की बिक्री पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। एनएफसीएसएफ ने इस मुद्दे को केंद्र सरकार के ध्यान में लाया है और कोटा चीनी की बिक्री की अवधि बढ़ाने और अगले महीने के लिए चीनी बिक्री का सीमित कोटा घोषित करने का अनुरोध किया है।’’

ब्राजील के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश भारत में चीनी उत्पादन, चालू विपणन वर्ष 2020-21 (अक्टूबर-सितंबर) में 3.02 करोड़ टन होने का अनुमान है, जो 2.6 करोड़ टन की वार्षिक चीनी मांग से अधिक है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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