लाइव न्यूज़ :

केरल के वित्त मंत्री ने कहा, सार्वजनिक खर्च में कटौती नहीं करेंगे

By भाषा | Updated: August 6, 2021 15:32 IST

Open in App

तिरुवनंतपुरम, छह अगस्त केरल ने कहा है कि वह सार्वजनिक खर्च में कटौती नहीं करेगा। केरल के वित्त मंत्री के एन बालगोपाल ने कहा कि ऐसे समय जबकि हम एक सदी के सबसे गंभीर संकट के दौर में हैं, वृहद राजकोषीय लक्ष्यों हासिल करने के लिए सार्वजनिक खर्च में कटौती करना सही कदम नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यह एक प्रतिगामी कदम साबित होगा, जिससे अर्थव्यवस्था और सिकुड़ जाएगी।

बालगोपाल ने पीटीआई-भाषा से साक्षात्कार में कहा कि इस तरह के संकट से बाहर निकलने के लिए ‘कुछ अलग हटकर’ करने की जरूरत है। केरल के वित्त मंत्री का यह बयान इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि देश के एकमात्र वामदल शासित राज्य की पहचान जन कल्याण के बड़े सुधारों के लिए है। ये सुधार स्कैंडिनेवियाई देशों के मॉडल का मुकाबला कर सकते हैं।

हालांकि, दक्षिण भारत का यह राज्य इस समय अपने पिछले कुछ साल के सबसे बुरे संकट के दौर में है। राज्य के घटते राजस्व और बढ़ते खर्च से इसका पता चलता है। इस समय केरल का सार्वजनिक ऋण राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 36 प्रतिशत से अधिक हो चुका है। महामारी से राज्य की वित्तीय स्थिति और प्रभावित हुई है।

बालगोपाल ने कहा, ‘‘यह राजकोषीय सुधार का समय नहीं है। खर्च में कटौती का कोई सवाल पैदा नहीं होता। बल्कि यह समय है जबकि हमें कुछ अलग हटकर सोचना चाहिए। एक लोकतांत्रिक सरकार के रूप में हमें लोगों की आजीविका को सुरक्षित करना है। इसका मतलब है कि हमें खर्च जारी रखना होगा, जिससे आर्थिक गतिविधियां रुके नहीं।’’

उन्होंने आगाह किया कि हम संभवत: ऐसे दौर में हैं, जो महामंदी से भी बुरा है। मुझे डर है कि आगे हमें और मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2014-15 से 2018-19 के दौरान केरल का राजस्व 61 प्रतिशत से घटकर 55 प्रतिशत पर आ गया।

मंत्री ने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन के बाद राज्य के राजस्व में अधिक तेज गिरावट आई है। उसके बाद से राज्य का कुल कर संग्रह एक-तिहाई घट गया है। उन्होंने कहा कि राज्य का गैर-कर राजस्व घटकर आधा यानी 6,000 करोड़ रुपये रह गया है। राज्य के बजट में कर का हिस्सा 95,000 करोड़ रुपये से अब 87,000-88,000 करोड़ रुपये रह गया है।

उन्होंने कहा कि इस वजह से राज्य का सार्वजनिक ऋण सकल घरेलू उत्पाद के 36 प्रतिशत के पार हो गया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

क्राइम अलर्टHaryana: भाई निकला कसाई..., बहन के कत्ल के लिए दोस्त को उकसाया, आरोपी ने रेप के बाद घोंटा गला

भारतMaharashtra Local Body Election Result: आज आएंगे महाराष्ट्र नगर निगम के नतीजें, महायुति और एमवीए के लिए अग्निपरीक्षा

भारतजम्मू कश्मीर सरकार की आधिकारिक छुट्टियों की सूची ने खोला पिटारा बवाल का

भारतJammu Kashmir: कश्मीर में शुरू हुआ चिल्ले कलां, 40 दिन रहेगा भयंकर सर्दी का दौर

कारोबारPetrol, Diesel Price Today: आज के ईंधन के दाम: दिल्ली, मुंबई से लेकर पटना तक; जानें अपने शहर में पेट्रोल-डीजल के ताजा रेट

कारोबार अधिक खबरें

कारोबारPost Office Scheme: 1000 हजार रुपये से शुरू करें पोस्ट ऑफिस की ये स्कीम, 5 साल बाद मिलेगा 4 लाख का निवेश; जानें कैसे मिलेगा फायदा

कारोबारअब UPI और ATM से निकाल सकेंगे PF का पैसा, जानें तरीका और इसके फायदे

कारोबारखरीफ के लिए 425 करोड़ रुपए, किसानों से दलहन-तिलहन उपार्जन की केन्द्र ने दी स्वीकृति

कारोबारGold Rate Today: आज का सोने का रेट, जानें 20 दिसंबर 2025 को दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, चेन्नई, हैदराबाद और कोलकाता में सोने की कीमत

कारोबारबिहार के सिल्क सिटी भागलपुर में फीकी पड़ रही है रेशम के धागों की चमक, जूझ रहा है आधुनिक तकनीक और बाजार की चुनौतियों से