कर्नाटक: IT कंपनियों की सरकार से बड़ी मांग, काम के 14 घंटे का प्रस्ताव रखा, कर्मचारी नाराज

By आकाश चौरसिया | Updated: July 21, 2024 12:21 IST2024-07-21T11:38:20+5:302024-07-21T12:21:06+5:30

आईटी फर्मों की मांग है कि काम के घंटों में बढ़ोतरी की जाए, लेकिन एक रिपोर्ट बताती है कि आईटी क्षेत्र में 45% कर्मचारी डिप्रेशन का शिकार हैं और वो मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारियों का सामना कर रहे हैं और 55% शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावों का सामना कर रहे हैं। काम के घंटे बढ़ने से यह स्थिति और भी खराब हो सकती है।

Karnataka IT companies have demand from government proposed 14 hours of work | कर्नाटक: IT कंपनियों की सरकार से बड़ी मांग, काम के 14 घंटे का प्रस्ताव रखा, कर्मचारी नाराज

फाइल फोटो

Highlightsसिद्धारमैया सरकार से निजी कंपनियों की मांगकर्मचारियों के काम के घंटों में हो बढ़ोतरीअभी प्रस्ताव कंपनियों की ओर से भेजा गया, लेकिन कर्मचारी नाराज हैं

नई दिल्ली: कर्नाटक की आईटी कंपनियों ने राज्य सरकार से मांग की है कि कर्मचारियों के काम के घंटे में बढ़ोतरी कर 14 घंटे कर दिया जाए। कंपनियों के इस कदम कर्मचारी तो नाराज हैं ही, साथ में इसे मानवता के विरुद्ध बेहद कड़े रुख के रूप में देखा जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार कर्नाटक शॉप और कमर्शियल प्रतिष्ठान एक्ट, 1961 का संशोधन का विचार कर रही है। दूसरी तरफ आईटी कंपनियां एक प्रस्ताव पर सरकार से संशोधन करवाना चाहती है, जिसमें कानूनी रूप से काम के घंटो को 14 घंटे कर दिया जाए, जिसमें 12 घंटे तो काम होगा ही, साथ में 2 घंटे ओवरटाइम के भी जोड़े गए हैं। 

सिद्धारमैया कैबिनेट में प्रस्ताव पर चर्चा
आईटी सेक्टर ने नए प्रस्ताव में कहा, आईटी/आईटीईएस/बीपीओ क्षेत्र में काम करे कर्माचारी उन्हें 12 घंटे प्रति दिन और तीन महीने में लगातार 125 घंटे से ज्यादा काम नहीं कराया जाए। सरकार इस मामले पर आईटी प्रमुखों से मुलाकात कर रही है, फिर जाकर अपना निर्णय करेगी। हालांकि, इस प्रस्ताव को लेकर सिद्धारमैया कैबिनेट में चर्चा भी हुई, लेकिन मुहर नहीं लगी है।

काम के घंटे बढ़ाने के कदम का कर्नाटक राज्य आईटी/आईटीईएस कर्मचारी संघ (केआईटीयू) ने कड़ा विरोध किया है। यूनियन ने एक बयान जारी कर चेतावनी दी कार्यबल कम होने से एक-तिहाई कर्मचारी सीधे तौर पर बाहर हो जाएगा।

कर्मचारी यूनियन ने बयान जारी कर कहा, 'यह संशोधन कंपनियों को वर्तमान में मौजूद तीन शिफ्ट प्रणाली के बजाय दो शिफ्ट प्रणाली में जाने की अनुमति देगा और एक तिहाई कार्यबल को उनके रोजगार से बाहर कर दिया जाएगा।' यूनियन ने आईटी कर्मचारियों के बीच विस्तारित कामकाजी घंटों के स्वास्थ्य प्रभाव पर अध्ययन की ओर भी इशारा किया।

केसीसीआई की रिपोर्ट के अनुसार, आईटी क्षेत्र में 45% कर्मचारी अवसाद जैसे मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों का सामना कर रहे हैं और 55% शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावों का सामना कर रहे हैं। काम के घंटे बढ़ने से यह स्थिति और भी खराब हो जाएगी।

Web Title: Karnataka IT companies have demand from government proposed 14 hours of work

कारोबार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे