दिल्ली के सफदरजंग हवाई अड्डे के बाहर जेट एयरवेज के कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
By स्वाति सिंह | Published: May 21, 2019 10:38 AM2019-05-21T10:38:55+5:302019-05-21T10:38:55+5:30
जेट एयरवेज ने अस्थायी तौर पर उड़ानें बंद कर दी है। इससे उसके करीब 22,000 कर्मचारियों के सामने रोजी - रोटी का संकट खड़ा हो गया है।
आर्थिक रूप से संकटों का सामना कर रही जेट एयरवेज के कर्मचारी मंगलवार को सफदरजंग एयरपोर्ट पर प्रदर्शन का रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों हाथों में तख्तियां है। इन तख्तियों पर लिखा है, 'हमारे परिवार को बचाइए, जेट एयरवेज को बचाइए', ‘हमें मत रूलाइए, उड़ने का एक मौका दो, ‘हमको तुम ना धोखा दो, उड़ने का एक मौका दो’।
उल्लेखनीय है कि जेट एयरवेज ने अस्थायी तौर पर उड़ानें बंद कर दी है। इससे उसके करीब 22,000 कर्मचारियों के सामने रोजी - रोटी का संकट खड़ा हो गया है। नेशनल एविएटर्स गिल्ड ने याचिका में जेट एयरवेज के स्लॉट को दूसरी एयरलाइन को नहीं देने के लिए केंद्र और नागरिक विमानन निदेशालय (डीजीसीए) को निर्देश देने की मांग की है।
Delhi: Jet Airways employees hold a protest outside Safdarjung Airport. pic.twitter.com/iUIkCzrthz
— ANI (@ANI) May 21, 2019
अप्रैल में आईओसी को लगा झटका
नागरिक उडड्यन क्षेत्र में चल रही उठापटक का असर पेट्रोलियम कंपनियों को भी झेलना पड़ रहा है। जेट एयरवेज के धराशायी होने से सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी इंडियन आयल कार्पोरेशन की विमान ईंधन की मांग अप्रैल महीने में घट गई।
हालांकि, बाद में इसमें सुधार आ गया और अब यह पुराने स्तर पर लौट आई है। इंडियन आयल कार्पोरेशन (आईओसी) के निदशेक (विपणन) गुरमीत सिंह ने शुक्रवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि जेट एयरवेज को 85 प्रतिशत विमान ईंधन की आपूर्ति इंडियन आयल करता रहा है।
अप्रैल माह में जेट एयरवेज की उड़ानें एक- एक कर बंद होने की वजह से इंडियन आयल के कारोबार पर भी असर पड़ा। अप्रैल 2019 में आईओसी की विमान ईंधन मांग में करीब 10 हजार टन की कमी आई।
उल्लेखनीय है कि कर्ज बोझ तले दबी निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी जेट एयरवेज ने 17 अप्रैल को अपनी उड़ाने अस्थाई तौर पर बंद कर दीं। यह पिछले 25 साल से सेवा में थी और इसके पर 100 से अधिक विमानों का बेड़ा था।
गुरमीत सिंह ने कहा, ‘‘जेट एयरवेज को 75,000 टन मासिक विमान ईंधन की आपूर्ति की जाती थी। विमानन कंपनी को उसकी कुल मांग का 85 प्रतिशत आईओसी करती रही है। लेकिन अप्रैल माह में एक एक कर उसकी उड़ानें बंद होने से आईओसी की विमान ईंधन आपूर्ति करीब दस हजार टन कम रही। हालांकि, इसके बाद दूसरी विमानन कंपनियों की उड़ानें बढ़ने से इसकी भरपाई हो गई।’’
जेट एयरवेज पर ईंधन आपूर्ति के बकाये के बारे में पूछे जाने पर गुरमीत सिंह ने कहा कि कंपनी पर इंडियन आयल का कोई बकाया नहीं है। करीब 1,050 करोड़ रुपये का बकाया रह गया था जिसे बैंक गारंटी भुनाकर वसूल लिया गया है।
उन्होंने बताया कि इंडियन आयल हर महीने करीब 4,00,000 टन विमान ईंधन की आपूर्ति करती है। घरेलू विमानन क्षेत्र में इंडियन आयल 68 प्रतिशत विमान ईंधन की आपूर्ति करता है जबकि अंतरराष्ट्रीय विमानन क्षेत्र में उसकी 46 प्रतिशत के करीब बाजार हिस्सेदारी है। जेट एयरवेज के अलावा एयर इंडिया और दूसरी विमानन कंपनियों को भी आईओसी ‘एवियशन टरबाइन फ्यूल’ (एटीएफ) की आपूर्ति करती है।