IT Services Sector: रहिए तैयार, नौकरी में 12 प्रतिशत की वृद्धि?, नरेटिव एआई, डीप टेक और क्वांटम 2030 तक 1000000 नौकरियों देंगी!
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 28, 2024 12:15 IST2024-11-28T12:14:16+5:302024-11-28T12:15:13+5:30
IT Services Sector:व्यापार सेवा प्रदाता क्वेस कॉर्प की रिपोर्ट के अनुसार, जनरेटिव एआई, डीप टेक और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी उभरती हुई प्रौद्योगिकियां 2030 तक 10 लाख से अधिक नौकरियों का सृजन करेंगी।

सांकेतिक फोटो
IT Services Sector: प्रौद्योगिकी के तेज विकास से अगले छह महीनों में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवा क्षेत्र में नियुक्तियों में 10-12 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है। प्रौद्योगिकी का विकास दुनिया भर में उद्योगों और अर्थव्यवस्थाओं को नया आकार दे रहा है। बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। व्यापार सेवा प्रदाता क्वेस कॉर्प की रिपोर्ट के अनुसार, जनरेटिव एआई, डीप टेक और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी उभरती हुई प्रौद्योगिकियां 2030 तक 10 लाख से अधिक नौकरियों का सृजन करेंगी।
रिपोर्ट के अनुसार, दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) और साइबर सुरक्षा में प्रतिभा की मांग समूचे देश में पहली तिमाही (अप्रैल-जून) की तुलना में क्रमशः 71 प्रतिशत और 58 प्रतिशत बढ़ी है। क्वेस आईटी स्टाफिंग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) कपिल जोशी ने कहा, ‘‘ भारत अपनी बढ़ती हुई प्रौद्योगिकी प्रतिभा और नवोन्मेषी भावना के साथ इस डिजिटल क्रांति में सबसे आगे है। इसलिए अगले छह महीनों में आईटी सेवाओं में भर्ती में 10-12 प्रतिशत की वृद्धि होगी।’’
‘आईटी स्टाफिंग क्वार्टरली डिजिटल स्किल्स’ रिपोर्ट वित्त वर्ष 2024-25 दूसरी तिमाही के अनुसार, कुल मांग का 79 प्रतिशत विकास, ईआरपी, परीक्षण, नेटवर्किंग और डेटा विज्ञान सहित शीर्ष पांच कौशल से उभरा है। कार्यात्मक कौशल में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही और दूसरी तिमाही के बीच जावा (30 प्रतिशत), साइबर सुरक्षा (20 प्रतिशत), और देवओप्स (25 प्रतिशत) से संबंधित विशेष भूमिकाओं और कौशल में तेजी से वृद्धि हुई थी। इस बीच, रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में प्रौद्योगिकी प्रतिभा की मांग में विभिन्न आईटी सेवा फर्मों में 37 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
इसके बाद उच्च प्रौद्योगिकी (हाई-टेक में 11 प्रतिशत), परामर्श (11 प्रतिशत), विनिर्माण (नौ प्रतिशत) और बीएफएसआई (आठ प्रतिशत) कंपनियों का स्थान रहा। इसके अलावा, भारत में वैश्विक क्षमता केंद्रों के विस्तार से विभिन्न शहरों में प्रतिभा की मांग में वृद्धि होने की बात भी रिपोर्ट में सामने आई।