थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति मार्च में आठ साल के उच्चतम स्तर 7.39 प्रतिशत पर

By भाषा | Published: April 15, 2021 01:02 PM2021-04-15T13:02:05+5:302021-04-15T13:02:05+5:30

Inflation based on wholesale prices eased to an eight-year high of 7.39 percent in March | थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति मार्च में आठ साल के उच्चतम स्तर 7.39 प्रतिशत पर

थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति मार्च में आठ साल के उच्चतम स्तर 7.39 प्रतिशत पर

नयी दिल्ली, 15 अप्रैल कच्चे तेल और धातु की बढ़ती कीमतों के कारण थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति मार्च में आठ साल के उच्चतम स्तर 7.39 प्रतिशत पर पहुंच गई।

पिछले साल मार्च के निम्न आधार के कारण भी मार्च 2021 में महंगाई तेजी से बढ़ी। पिछले साल कोविड-19 महामारी के प्रकोप को रोकने के लिए लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन के चलते कीमतें कम थीं।

थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति फरवरी में 4.17 प्रतिशत और मार्च 2020 में 0.42 प्रतिशत थी।

डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति में लगातार तीसरे महीने बढ़ोतरी हुई है।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति की वार्षिक दर मार्च 2020 के मुकाबले मार्च 2021 में 7.39 प्रतिशत (अनंतिम) थी।’’

डब्ल्यूपीआई का इतना उच्च स्तर इससे पहले अक्टूबर 2012 में था, जब मुद्रास्फीति 7.4 प्रतिशत थी।

मार्च में खाद्य पदार्थों की महंगाई दर 3.24 प्रतिशत रही और इस दौरान दालों, फलों तथा धान की कीमतों में कमी हुई।

पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण मार्च में ईंधन और बिजली की मुद्रास्फीति 10.25 प्रतिशत रही, जो फरवरी में 0.58 प्रतिशत थी।

इस सप्ताह की शुरुआत में जारी आंकड़ों के अनुसार मार्च में खुदरा मुद्रास्फीति चार महीने के उच्च स्तर 5.52 प्रतिशत पर पहुंच गई थी।

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Web Title: Inflation based on wholesale prices eased to an eight-year high of 7.39 percent in March

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