इंडिगो के सीईओ ने कहा, फिलहाल अनुसूचित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को शुरू करना अव्यावहारिक
By भाषा | Published: September 14, 2021 11:54 PM2021-09-14T23:54:37+5:302021-09-14T23:54:37+5:30
(दीपक पटेल)
नयी दिल्ली, 14 सितंबर इंडिगो के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रोनोजॉय दत्ता ने कहा है कि इस समय अनुसूचित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को शुरू करना अव्यावहारिक होगा। उन्होंने कहा कि इसके बजाय विभिन्न देशों के साथ एयर बबल उड़ानों की संख्या को धीरे-धीरे बढ़ाया जाना ही बेहतर होगा।
कोरोना वायरस महामारी की वजह से भारत में अनुसूचित अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ान सेवाएं 23 मार्च, 2020 से बंद हैं। हालांकि, पिछले साल जुलाई से भारत और करीब 28 देशों के बीच द्विपक्षीय ‘एयर बबल’ व्यवस्था के तहत विशेष उड़ानों का परिचालन हो रहा है।
सीईओ ने कहा कि वह भारत के नए नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर काफी उत्साहित हैं। मध्य प्रदेश से राज्यसभा सदस्य सिंधिया को सात जुलाई को नागर विमानन मंत्री बनाया गया है।
दत्ता ने पीटीआई-भाषा से साक्षात्कार में कहा, ‘‘सिंधिया समूचे उद्योग की चिंताओं को दूर करने के लिए नेतृत्वकारी भूमिका निभा रहे हैं। उद्योग और मंत्रालय के बीच जो भागीदारी विकसित हो रही है वह उत्साह बढ़ाने वाली है।’’
इंडिगो फिलहाल रोजाना 1,150 उड़ानों का परिचालन कर रही है। इसमें 70 से 75 अंतरराष्ट्रीय उड़ानें हैं। शेष घरेलू उड़ान सेवाएं हैं।
दत्ता ने कहा कि भारत एकतरफा तरीके से अनुसूचित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को शुरू नहीं कर सकता। अन्य देशों को भी इस पर सहमत होना होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘स्वास्थ्य चिंताएं हैं, जिन्हें मैं कम नहीं आंक सकता हूं। कोविड-19 प्रबंधन में विभिन्न देश विभिन्न स्तरों पर हैं। इसके अलावा जांच या परीक्षण का भी मुद्दा है जो यात्रियों को असमंजस में डाल रहा है।’’
इंडिगो के सीईओ ने कहा कि एक झटके में अनुसूचित अंतरराष्ट्रीय सेवाएं शुरू करना उचित नहीं होगा।
दत्ता ने कहा, ‘‘लेकिन मेरा मानना है कि अधिक से अधिक बबल उड़ानें सही तरीका हैं। धीरे-धीरे इसे बढ़ाया जाना चाहिए। घरेलू उड़ानों के लिए भी हमने ऐसा ही किया। हमने 33 प्रतिशत से शुरुआत की और उसके बाद 50 प्रतिशत तक गए। फिर और आगे बढ़े।’’
भारत में पिछले साल 15 मई को दो माह के लॉकडाउन के बाद अनुसूचित घरेलू उड़ानों की अनुमति दी गई थी। शुरुआत में कोविड-पूर्व के स्तर की तुलना में सिर्फ 33 प्रतिशत के परिचालन की अनुमति दी गई। धीरे-धीरे घरेलू उड़ानों के 72.5 प्रतिशत की अनुमति दी जा चुकी है।
दत्ता ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा देश एयर बबल उड़ानों के लिए खुलें। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) तथा दोहा (कतर) ने इसे खोला है जो अच्छी बात है। बांग्लादेश ने भी हाल में इसकी शुरुआत की है, लेकिन सीमित उड़ानों के साथ।’’ उन्होंने कहा कि कुछ और देशों मसलन सऊदी अरब और थाइलैंड को भी इसे खोलने की जरूरत है।
सीईओ ने कहा कि वह चार्टर उड़ानों की मांग से काफी उत्साहित हैं।
‘‘इन चार्टर उड़ानों की मांग इटली, कजाखस्तान तथा फिलिपीन जैसे देशों से आ रही है, जिसकी हम उम्मीद नहीं करते थे।’’
उन्होंने कहा कि कुछ महीने ऐसे रहे जब हमने 1,500 तक चार्टर उड़ाने की हैं। मेरा मानना है कि यह इस तरह की चार्टर उड़ानों का शीर्ष स्तर था।
दत्ता ने कहा कि भारतीय उड्डयन क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा और तेज होने वाली है। ‘‘हमें संभवत: तीन और नये विमानन कंपनियों के क्षेत्र में आने की उम्मीद कर रहे हैं। पहली नई एयर इंडिया होगी जो कि एक बड़ी ताकत होगी। हमने जो समाचार पत्रों में पढ़ा है कि यह टाटा को जा रही है। तब उनके पास एयर इंडिया, विस्तारा, एयर एशिया इंडिया होगी। इससे वह उड्डन क्षेत्र में एक बड़ी ताकत होंगे। ’’
उन्होंने कहा कि जेट एयरवेज के फिर से उड़ान भरने की भी चर्चा है। इसके साथ ही आकाश भी एक प्रतिस्पर्धी होगी। इस तरह हमारे सामने कड़ी प्रतिस्पर्धा होगी। आकाश को प्रमुख निवेशक राकेश झुनझुनवाला का समर्थन प्राप्त है। इसके अलावा इंडिगो के पूर्व अध्यक्ष आदित्य घोष भी इसमें शामिल हैं। यह कंपनी 2022 की गर्मियों में परिचालन शुरू कर सकती है।
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