Indian Bank: उच्च ऋण वृद्धि के जरिए बैंकों की जोखिम उठाने की क्षमता, फिच रेटिंग्स ने कहा- साख महत्वपूर्ण

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 13, 2024 12:04 IST2024-05-13T12:03:16+5:302024-05-13T12:04:01+5:30

Indian Bank: बैंकों की क्षमता और वृद्धि की चाह बढ़ी है। वित्त वर्ष 2023-24 में बैंक ऋण में वित्त वर्ष 2022-23 के समान 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

Indian Banks risk appetite through higher credit growth important in determining creditworthiness Fitch | Indian Bank: उच्च ऋण वृद्धि के जरिए बैंकों की जोखिम उठाने की क्षमता, फिच रेटिंग्स ने कहा- साख महत्वपूर्ण

सांकेतिक फोटो

Highlights वित्त वर्ष 2014-15 और 2021-22 की तुलना में आठ प्रतिशत सीएजीआर (चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर) से अधिक है।बड़े निजी बैंकों ने पिछले ऋण चक्र में महत्वपूर्ण बाजार हिस्सेदारी हासिल की और तेजी से बढ़ना जारी रखा।सरकारी बैंक भी तेजी से वृद्धि की राह पर लौट आए लेकिन बड़े निजी बैंक पिछड़ गए।

Indian Bank: बेहतर वित्तीय प्रदर्शन के बावजूद उच्च ऋण वृद्धि के जरिए भारतीय बैंकों की जोखिम उठाने की क्षमता उनकी साख के लिए एक महत्वपूर्ण कारक बनी रहेगी। फिच रेटिंग्स ने सोमवार को यह बात कही। एजेंसी ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि पिछले ऋण चक्र से संपत्ति की गुणवत्ता का दबाव कम हो रहा है, जिससे अनुकूल कारोबारी माहौल बन रहा है। इससे बैंकों की क्षमता और वृद्धि की चाह बढ़ी है। वित्त वर्ष 2023-24 में बैंक ऋण में वित्त वर्ष 2022-23 के समान 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

यह वित्त वर्ष 2014-15 और 2021-22 की तुलना में आठ प्रतिशत सीएजीआर (चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर) से अधिक है। एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट ‘बेहतर प्रदर्शन के बावजूद भारतीय बैंकों की व्यवहार्यता रेटिंग पर जोखिम लेने की क्षमता का असर’ में कहा कि बड़े निजी बैंकों ने पिछले ऋण चक्र में महत्वपूर्ण बाजार हिस्सेदारी हासिल की और तेजी से बढ़ना जारी रखा।

सरकारी बैंक भी तेजी से वृद्धि की राह पर लौट आए लेकिन बड़े निजी बैंक पिछड़ गए। फिच ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में 38 प्रतिशत से बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद का करीब 40 प्रतिशत होने के बावजूद भारत का घरेलू ऋण दुनिया में सबसे कम है।

एजेंसी ने कहा, ‘‘ भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने घरेलू बचत दर में गिरावट, प्रारंभिक चूक, प्रति उधारकर्ता उच्च ऋण (उपभोग ऋण उधारकर्ताओं में से 43 प्रतिशत के पास तीन ‘लाइव’ ऋण थे) और उपभोग ऋण में वृद्धि के बारे में चिंता व्यक्त की है। भले ही सुरक्षित ऋण बैंकों की ऋण पुस्तिकाओं पर हावी हैं।’’

Web Title: Indian Banks risk appetite through higher credit growth important in determining creditworthiness Fitch

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