भारत की हरित हाइड्रोजन क्षेत्र में दुनिया भर में सबसे आगे निकलने की योजना: आर के सिंह
By भाषा | Updated: August 27, 2021 18:31 IST2021-08-27T18:31:32+5:302021-08-27T18:31:32+5:30

भारत की हरित हाइड्रोजन क्षेत्र में दुनिया भर में सबसे आगे निकलने की योजना: आर के सिंह
बिजली मंत्री आर के सिंह ने कहा है कि भारत की हरित हाइड्रोजन के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर सबसे आगे निकलने की योजना है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत उर्वरक और परिशोधन कार्यों में हरित हाइड्रोजन के उपयोग की अनुमति देने का भी प्रस्ताव कर रहा है। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति के जलवायु मामलों के विशेष दूत जॉन केरी से बातचीत में यह बात कही। बिजली मंत्रालय के शुक्रवार को जारी बयान के अनुसार सिंह ने बृहस्पतिवार शाम को टेलीफोन पर केरी के साथ बातचीत में कहा कि भारत ईंधन के रूप में हाइड्रोजन के उपयोग को बढ़ावा देने को लेकर अगले 3-4 महीनों में हरित हाइड्रोजन के लिए प्रतिस्पर्धी बोलियां आयोजित करेगा। भारत 4,000 मेगावाट इलेक्ट्रोलाइजर (हाइड्रोजन पैदा करने के लिये) क्षमता के लिए बोली मंगाने पर विचार कर रहा है। बयान के अनुसार केरी ने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि के लिये भारत को बधाई दी। देश में 63 हजार मेगावाट क्षमता निर्माणधीन है, जबकि 25 हजार मेगावाट क्षमता बोलियों के अधीन है। इसको मिलाकर कुल नवीकणीय ऊर्जा क्षमता 1,46,000 मेगावाट पहुंच गयी है। बयान में कहा गया है, ‘‘केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने केरी को हरित हाइड्रोजन में वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख देश के रूप में उभरने की भारत की योजना के बारे में जानकारी दी। भारत उर्वरक और परिशोधन क्षेत्रों में हरित हाइड्रोजन के उपयोग की अनुमति देने का प्रस्ताव कर रहा है। यह धूसर (ग्रे) हाइड्रोजन को हरित हाइड्रोजन से बदलने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता का हिस्सा है।’’ सिंह ने अमेरिकी दूत से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर्यावरण को सबसे अधिक महत्व देते हैं। उन्होंने केरी को सुझाव दिया कि भारत और अमेरीका विद्युत और प्रौद्योगिकी के लिए नवप्रवर्तन के क्षेत्र में मिलकर काम कर सकते हैं। इसके अलावा उन्होंने नवीकरणीय ऊर्जा के भंडारण की लागत को कम करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। मंत्री ने केरी को हाल में सौर और पवन ऊर्जा की स्थापित क्षमता एक लाख मेगावाट पहुंचने के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अगर हम जल विद्युत क्षमता को भी इसमें जोड़ दें तो नवीकरणीय ऊर्जा की कुल स्थापित क्षमता 1,47,000 मेगावाट हो जाएगी। इसके अलावा 63 हजार नवीकरणीय क्षमता निर्माणाधीन है। सिंह ने केरी को यह भी बताया कि लागत प्रतिस्पर्धी हरित हाइड्रोजन उत्पादन को सक्षम बनाने के लिए राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन शुरू किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत ईंधन के रूप में हाइड्रोजन के व्यावहारिक उपयोग को लेकर अगले 3-4 महीनों में हरित हाइड्रोजन के लिए प्रतिस्पर्धी बोलियां आयोजित करेगा।’’ उन्होंने कहा कि अन्य देशों को लागत कम करने के लिए अधिक इलेक्ट्रोलाइजर संयंत्रों के साथ आगे आने की जरूरत है।
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