नयी दिल्ली, दो नवंबर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मंगलवार को कहा कि भारत के पास बड़े पैमाने पर निर्माण, प्रतिस्पर्धा, बड़े बाजार और सक्षम नीतियों का निर्माण कर अगले तीन-चार वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को 300 अरब डॉलर तक बढ़ाने का एक "अभूतपूर्व अवसर" है।
उन्होंने कहा कि दुनिया कोविड-19 के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए अधिक विश्वसनीय स्रोतों की तलाश कर रही है और भारत के पास इस अवसर का लाभ उठाने के लिहाज से सभी प्रमुख तत्व हैं।
मंत्री ने 'भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात और वैश्विक मूल्य श्रृंखला में हिस्सेदारी बढ़ाने' पर एक दृष्टि दस्तावेज भी जारी किया। इसमें चुनौतियों के साथ-साथ अवसरों के व्यापक पैमाने का उल्लेख किया गया है। इसमें भारत के लिए 2020-21 के मौजूदा 75 अरब डॉलर से 2025 तक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को 300 अरब डॉलर तक पहुंचने के संबंध में नीतिगत सुझाव दिया गया है।
300 अरब डॉलर के लक्ष्य में से करीब 40 प्रतिशत हिस्सा निर्यात का होगा।
मंत्री ने कहा कि यह अवसर "वास्तविक" है भारत में वैश्विक बाजार हिस्सेदारी हासिल करने के लिए विनिर्माण के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक्स डिजाइन, सिस्टम डिजाइन और सॉफ्टवेयर डिजाइन में अपनी ताकत का लाभ उठाने की क्षमता है।
उन्होंने वादा किया कि आईटी मंत्रालय लक्ष्य हासिल करने की दिशा में उद्योग की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है और यह सहायता उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं, लॉजिस्टिक्स दक्षता और सक्षम बनाने वाली नीति के माध्यम से दी जाएगी।
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