India External Debt: मार्च के अंत तक विदेशी कर्ज 624.7 अरब डॉलर, राजकोषीय घाटा 11.8 प्रतिशत रहा, देखें आंकड़े
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 30, 2023 20:52 IST2023-06-30T20:51:29+5:302023-06-30T20:52:16+5:30
India External Debt: भारत के विदेशी ऋण पर जारी आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, ''मार्च 2023 के अंत में विदेशी ऋण और सकल घरेलू उत्पाद का अनुपात घटकर 18.9 प्रतिशत रह गया, जो मार्च 2022 के अंत में 20 प्रतिशत था।''

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India External Debt: भारत का विदेशी कर्ज मार्च, 2023 के अंत में मामूली रूप से बढ़कर 624.7 अरब डॉलर पर पहुंच गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान ऋण-जीडीपी अनुपात में कमी हुई है।
इससे पिछले वित्त वर्ष के अंत में विदेशी ऋण 5.6 अरब डॉलर बढ़कर 619.1 अरब डॉलर था। भारत के विदेशी ऋण पर जारी आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, ''मार्च 2023 के अंत में विदेशी ऋण और सकल घरेलू उत्पाद का अनुपात घटकर 18.9 प्रतिशत रह गया, जो मार्च 2022 के अंत में 20 प्रतिशत था।''
भारतीय रुपये और येन, एसडीआर और यूरो जैसी प्रमुख मुद्राओं की तुलना में अमेरिकी डॉलर की कीमत बढ़ने के कारण मूल्यांकन लाभ 20.6 अरब अमेरिकी डॉलर रहा। केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि यदि मूल्यांकन लाभ को हटा दिया जाए, तो भारत के विदेशी कर्ज में 26.2 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई।
आंकड़ों के मुताबिक मार्च के अंत तक दीर्घावधि ऋण (मूल परिपक्वता एक साल से अधिक) 496.3 अरब डॉलर रहा। यह मार्च, 2022 के अंत की तुलना में 1.1 अरब डॉलर कम है। इस अवधि में विदेशी कर्ज में लघु अवधि (एक साल तक परिपक्वता वाले) के ऋण का हिस्सा बढ़कर 20.6 प्रतिशत हो गया, जो एक साल पहले 19.7 प्रतिशत था।
केंद्र का राजकोषीय घाटा मई में पूरे साल के लक्ष्य का 11.8 प्रतिशत रहा
केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा मई के अंत में वित्त वर्ष 2023-24 के पूरे साल के बजट अनुमान का 11.8 प्रतिशत रहा। लेखा महानियंत्रक (सीजीए) के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई। पिछले वर्ष की समान अवधि में राजकोषीय घाटा 2022-23 के बजट अनुमान का 12.3 प्रतिशत था।
राजकोषीय घाटा सरकार के कुल व्यय और राजस्व के बीच का अंतर होता है। इससे यह संकेत मिलता है कि सरकार को कुल कितनी उधारी की जरूरत है। सीजीए के आंकड़ों के अनुसार वास्तविक रूप से घाटा मई 2023 के अंत में 2,10,287 करोड़ रुपये था। आम बजट में सरकार ने 2023-24 में राजकोषीय घाटे को कम कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 5.9 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य रखा है।
इससे पहले 2022-23 में घाटा जीडीपी का 6.4 प्रतिशत था, जबकि 6.71 प्रतिशत का लक्ष्य तय किया गया था। चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों के लिए केंद्र सरकार के राजस्व-व्यय के आंकड़े जारी करते हुए सीजीए ने कहा कि इस दौरान शुद्ध कर राजस्व 2.78 लाख करोड़ रुपये रहा जो बजट अनुमान का 11.9 प्रतिशत है।
सरकार का कुल व्यय 6.25 लाख करोड़ रुपये रहा जो बजट अनुमान का 13.9 प्रतिशत है। बजट के अनुसार मार्च 2024 के अंत में राजकोषीय घाटा 17.86 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। सीजीए के आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री और शोध प्रमुख अदिति नायर ने कहा कि जहां कर राजस्व में 9.6 प्रतिशत की गिरावट हुई है।
वहीं आरबीआई के लाभांश के चलते गैर-कर राजस्व 173 प्रतिशत बढ़ा है। इस बीच सालाना आधार पर राजस्व व्यय में 4.3 प्रतिशत की गिरावट और पूंजीगत व्यय में 56.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई। उन्होंने कहा कि हालांकि राजकोषीय चिंताएं सीमित दिखाई दे रही हैं और आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के निकट अवधि में नीतिगत दरें बढ़ाने का अनुमान नहीं है।