भारत-चीन व्यापार संबंध: दोनों देशों के बीच व्यापार से संबंधित मुद्दों को समझने के लिए कुछ सवाल-जवाब देखिए

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 30, 2025 17:21 IST2025-08-30T17:20:11+5:302025-08-30T17:21:26+5:30

India-China trade relations: नयी दिल्ली द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी संवेदनशीलता के आधार पर आगे बढ़ाने के लिए तैयार है।

India-China trade relations deficit still tilts in favour Beijing here some questions answers understand trade-related issues 2 countries | भारत-चीन व्यापार संबंध: दोनों देशों के बीच व्यापार से संबंधित मुद्दों को समझने के लिए कुछ सवाल-जवाब देखिए

सांकेतिक फोटो

Highlightsवर्ष 2024-25 मे भारत का निर्यात 14.25 अरब अमेरिकी डॉलर था, जबकि आयात 113.5 अरब अमेरिकी डॉलर था।2003-04 में 1.1 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 99.2 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। वित्त वर्ष 2023-24 में यह अंतर 85.1 अरब अमेरिकी डॉलर था।

India-China trade relations: भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार अच्छी दर से बढ़ रहा है, लेकिन व्यापार घाटा अभी भी बीजिंग के पक्ष में झुका हुआ है। भारत ने समय-समय पर बढ़ते व्यापार घाटे और चीनी बाजार में भारतीय वस्तुओं के समक्ष आने वाली गैर-व्यापार बाधाओं पर अपनी चिंता व्यक्त की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 29 अगस्त को कहा कि विश्व आर्थिक व्यवस्था में स्थिरता लाने के लिए भारत और चीन के लिए मिलकर काम करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि नयी दिल्ली द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी संवेदनशीलता के आधार पर आगे बढ़ाने के लिए तैयार है।

दोनों देशों के बीच व्यापार से संबंधित मुद्दों को समझने के लिए कुछ सवाल-जवाब की सूची:

प्रश्न: भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार की स्थिति क्या है? अप्रैल-जुलाई 2025-26 के दौरान, भारत का निर्यात 19.97 प्रतिशत बढ़कर 5.75 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जबकि आयात 13.06 प्रतिशत बढ़कर 40.65 अरब अमेरिकी डॉलर रहा। वित्त वर्ष 2024-25 मे भारत का निर्यात 14.25 अरब अमेरिकी डॉलर था, जबकि आयात 113.5 अरब अमेरिकी डॉलर था।

व्यापार घाटा (आयात और निर्यात के बीच का अंतर) 2003-04 में 1.1 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 99.2 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। पिछले वित्तीय वर्ष में, चीन का व्यापार घाटा भारत के कुल व्यापार असंतुलन (283 अरब अमेरिकी डॉलर) का लगभग 35 प्रतिशत था। वित्त वर्ष 2023-24 में यह अंतर 85.1 अरब अमेरिकी डॉलर था।

प्रश्न: चीन के साथ घाटा क्यों चिंता का विषय है?

ऐसा इसलिए है क्योंकि यह न केवल बड़ा है, बल्कि संरचनात्मक भी है। थिंक टैंक जीटीआरआई के अनुसार, जो बात इसे और भी गंभीर बनाती है, वह यह है कि चीन अब लगभग हर औद्योगिक श्रेणी में भारत के आयात पर हावी है।

प्रश्न: किन प्रमुख उत्पादों में चीन की हिस्सेदारी 75 प्रतिशत से अधिक है?

जीटीआरआई विश्लेषण में कहा गया है कि एरिथ्रोमाइसिन जैसे एंटीबायोटिक दवाओं में, चीन भारत की 97.7 प्रतिशत जरूरतों की आपूर्ति करता है; इलेक्ट्रॉनिक्स में, यह सिलिकॉन वेफर्स के 96.8 प्रतिशत और फ्लैट पैनल डिस्प्ले के 86 प्रतिशत को नियंत्रित करता है; नवीकरणीय ऊर्जा में, 82.7 प्रतिशत सौर सेल और 75.2 प्रतिशत लिथियम-आयन बैटरी चीन से आती हैं।

यहां तक कि लैपटॉप (80.5 प्रतिशत हिस्सेदारी), कढ़ाई मशीनरी (91.4 प्रतिशत), और विस्कोस यार्न (98.9 प्रतिशत) जैसे रोजमर्रा के उत्पादों में भी चीन का प्रभुत्व है। भारत और चीन के बीच बढ़ती निर्भरता का जोखिम क्या है? जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव का कहना है कि चीन की अत्यधिक प्रभुत्व स्थिति भारत के लिए एक संभावित दबाव का साधन बन सकती है।

क्योंकि आपूर्ति श्रृंखलाओं को राजनीतिक तनाव के समय में दबाव डालने के उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह असंतुलन बढ़ता जा रहा है, क्योंकि भारत का चीन के साथ निर्यात घट रहा है, जिससे द्विपक्षीय व्यापार में भारत का हिस्सा आज सिर्फ 11.2 प्रतिशत रह गया है, जो दो दशकों पहले 42.3 प्रतिशत था।

प्रश्न. भारत ने अपनी आयात निर्भरता को कम करने के लिए क्या कदम उठाए हैं?

घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 14 से अधिक क्षेत्रों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं की शुरुआत; बाजार में घटिया और खराब गुणवत्ता वाले उत्पादों की जांच और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए गुणवत्ता नियंत्रण, परीक्षण प्रोटोकॉल और अनिवार्य प्रमाणन के लिए कड़े गुणवत्ता मानक और उपाय लागू किए गए हैं। सरकार भारतीय व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाने और आपूर्ति के एकल स्रोतों पर निर्भरता कम करने के लिए वैकल्पिक आपूर्तिकर्ताओं का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।

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