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शी चिनफिंग के साथ पहली बातचीत में बाइडन ने चीन की अनुचित व्यापार प्रथाओं का मुद्दा उठाया

By भाषा | Updated: February 11, 2021 14:11 IST

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(ललित के झा)

वाशिंगटन/बीजिंग, 11 फरवरी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कार्यभार संभालने के बाद पहली बार चीन के अपने समकक्ष शी चिनफिंग के साथ बातचीत में चीन की अनुचित व्यापार प्रथाओं, हांगकांग में उसकी सख्त कार्रवाई, शिनजियांग में मानवाधिकारों का हनन और क्षेत्र में उसकी मुखरता के बारे में अपनी बुनियादी चिंताओं को व्यक्त किया।

पेंटागन द्वारा चीन पर एक कार्यबल की घोषणा के बीच दोनों नेताओं की फोन पर वार्ता हुई।

बाइडन के 20 जनवरी को अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली फोन वार्ता थी।

बातचीत के दौरान बाइडन ने चंद्र नव वर्ष के अवसर पर चीनी लोगों को अपनी शुभकामनाएं भी दीं।

व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि बाइडन ने अमेरिकी लोगों की सुरक्षा, समृद्धि, स्वास्थ्य और जीवन की रक्षा करने की अपनी प्राथमिकता को दोहराया और एक स्वतंत्र तथा खुले हिंद-प्रशांत की वकालत की।

चीन लगभग 13 लाख वर्ग-मील क्षेत्र में फैले दक्षिण चीन सागर को अपना संप्रभु क्षेत्र बताता है और क्षेत्र में कृत्रिम द्वीपों पर सैन्य ठिकानों का निर्माण कर रहा है। इस क्षेत्र पर चीन ब्रुनेई, मलेशिया, फिलीपींस, ताइवान और वियतनाम का भी दावा है।

व्हाइट हाउस ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति बाइडन ने बीजिंग की अनुचित व्यापार प्रथाओं, हांगकांग में तनातनी, शिनजियांग में मानवाधिकारों का हनन और क्षेत्र में उसकी मुखरता के बारे में अपनी बुनियादी चिंताओं को व्यक्त किया।’’

बाइडन ने पहले कहा था कि वह व्यापार समझौते को तुरंत रद्द नहीं करेंगे, और न ही चीनी निर्यात पर शुल्क हटाने के लिए कदम उठाएंगे।

बातचीत के दौरान बाइडन और चिनफिंग ने कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने और वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और हथियारों के प्रसार को रोकने की साझा चुनौतियों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

बातचीत के दौरान राष्ट्रपति चिनफिंग ने कहा कि चीन-अमरेका के आर्थिक संबंध पिछली आधी सदी में सबसे महत्वपूर्ण घटना रही है।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के लिए सहयोग एकमात्र सही विकल्प है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों पक्षों की राय कुछ मुद्दों पर अलग-अलग हो सकती है, लेकिन आपसी सम्मान, बराबरी का बर्ताव और रचनात्मक रूप से मतभेदों को संभालना महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि ताइवान और हांगकांग, शिनजियांग आदि से संबंधित मुद्दे चीन के आंतरिक मामले हैं और अमेरिकी पक्ष को चीन के मूल हितों का सम्मान करना चाहिए।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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