सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, बिनौला में सुधार, पाम, पामोलीन के भाव पूर्ववत

By भाषा | Updated: January 2, 2021 17:49 IST2021-01-02T17:49:04+5:302021-01-02T17:49:04+5:30

Improvement in mustard, groundnut, soybean, cottonseed, palm, palmolein prices undone | सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, बिनौला में सुधार, पाम, पामोलीन के भाव पूर्ववत

सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, बिनौला में सुधार, पाम, पामोलीन के भाव पूर्ववत

नयी दिल्ली, दो जनवरी वैश्विक स्तर पर हल्के तेलों की मांग बढ़ने के बीच विदेशी आयातित तेलों के मुकाबले देशी तेलों के सस्ता होने से तथा सोयाबीन डी आयल केक की निर्यात मांग बढ़ने के कारण दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में सरसों, मूंगफली, सोयाबीन और बिनौला तेल कीमतों में सुधार आया जबकि जाड़े में मांग घटने से पाम एवं पामोलीन तेलों के भाव पूर्ववत बंद हुए।

बाजार सूत्रों का कहना है कि वैश्विक स्तर पर हल्के तेलों की मांग बढ़ने के बीच देश के अंदर किसान कम कीमत पर सरसों और मूंगफली की बिकवाली करने से बच रहे हैं। इसके अलावा विदेशों से सोयाबीन तेल रहित खल (डीओसी) की पर्याप्त मांग है जिसके कारण सरसों, मूंगफली और सोयाबीन दाना एवं लूज सहित इसके सभी तेल की कीमतों में सुधार दर्ज हुआ।

उन्होंने कहा कि व्यापारियों और तेल मिलों के पास सरसों का स्टॉक नहीं बचा है। पूरे देश में बाजार में किसानों के पास पुराने बचे स्टॉक के सरसों की दैनिक आवक सवा लाख बोरी से घटकर 65,000 बोरी रह गई है। नाफेड ने भी कल की कम कीमत वाली सारी बोलियों को निरस्त कर दिया है। हरियाणा में सरसों बिक्री के लिए कल नाफेड को 5,632 रुपये क्विन्टल की बोली मिली थी जबकि आज 5,850 रुपये क्विन्टल की बोली लगाई गई है।

जानकारों के मुताबिक सोयाबीन के दो बड़े उत्पादक देश अर्जेंटीना, ब्राजील में मौसम काफी शुष्क चल रहा हे। इन स्थितियों में सोयाबीन की उपज प्रभावित होने की आशंका है। इसी कारण सोयाबीन दाना, सोयाबीन लूज सहित सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर तेल कीमतों में सुधार दर्ज हुआ जबकि सोयाबीन डीगम के भाव पूर्ववत बोले गये। देशी तेलों के मुकाबले महंगा होने से सोयाबीन डीगम की मांग प्रभावित हुई है।

उन्होंने कहा कि जाड़े में मांग कमजोर होने से पाम एवं पामोलीन तेलों के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे। आयातित तेलों के मुकाबले सस्ता होने के कारण बिनौला सहित अन्य देशी तेलों की मांग होने के कारण इन तेल कीमतों में सुधार देखने को मिला।

उन्होंने कहा कि सरकार को तिलहन के मामले में आयात पर निर्भरता कम करने के लिए तिलहनों के स्थानीय उत्पादन को बढ़ाना होगा और इसके लिए तिलहन उत्पादक किसानों को उनकी उपज का वाजिब दाम दिलाने की व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिये। घरेलू तेलों को बढ़ावा मिलने से आयात पर खर्च होने वाली विदेशी मुद्रा तो बचेगी ही, तेल मिलों में काम बढ़ने से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

बाजार में शनिवार को थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 6,350 - 6,400 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना - 5,460- 5,525 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 13,650 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,145 - 2,205 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 12,800 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,945 -2,095 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,075 - 2,190 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 11,100 - 15,100 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,000 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,550 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 11,700 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 9,850 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 11,000 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 11,400 रुपये।

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Web Title: Improvement in mustard, groundnut, soybean, cottonseed, palm, palmolein prices undone

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