विदेशी बाजारों में तेजी के बीच स्थानीय तेल-तिलहन कीमतों में सुधार

By भाषा | Updated: October 19, 2021 20:37 IST2021-10-19T20:37:47+5:302021-10-19T20:37:47+5:30

Improvement in local oil-oilseeds prices amid rise in foreign markets | विदेशी बाजारों में तेजी के बीच स्थानीय तेल-तिलहन कीमतों में सुधार

विदेशी बाजारों में तेजी के बीच स्थानीय तेल-तिलहन कीमतों में सुधार

नयी दिल्ली, 19 अक्टूबर विदेशी बाजारों में तेजी के बीच दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में मंगलवार को सरसों, सोयाबीन, बिनौला और सीपीओ सहित विभिन्न खाद्य तेल-तिलहन कीमतों में सुधार आया। मूंगफली सहित बाकी तेल-तिलहनों के भाव अपरिवर्तित रहे।

बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशों में तेल-तिलहनों के भाव मजबूत होने से यहां इनके दाम में मजबूती आई। सूत्रों ने कहा कि शुल्क घटाने का फायदा किसानों, उपभोक्ताओं को मिलता नहीं दिख रहा, इसका फायदा केवल विदेशी कंपनियों को ही मिलता है।

सूत्रों ने कहा कि कुछ आयातक विदेशों से कम आयात शुल्क वाले कच्चे पामतेल (सीपीओ) में पामोलीन मिलाकर मंगाने के बाद ऊंची दर पर बेच रहे हैं। सीपीओ पर जहां आयात शुल्क 8.25 प्रतिशत है वहीं पामोलीन पर यह शुल्क 17.5 प्रतिशत है।

सूत्रों ने कहा कि सरकार को आयात शुल्क कम करने के बजाय 80 और 90 के दशक की तरह गरीब लोगों को ऊंची कीमतों से राहत देने के लिए आयात करने के बाद राशन की दुकानों के माध्यम से खाद्य तेल वितरित करने पर जोर देने के बारे में सोचना चाहिये क्योकि आयात शुल्क कम करने से उपभोक्ताओं और किसानों को कोई फायदा नहीं होता और इसका फायदा केवल विदेशी कंपनियों को होता है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने सीपीओ पर आयात शुल्क में 13 रुपये किलो के बराबर कमी की लेकिन उपभोक्ताओं को प्रति किग्रा पर मात्र 3-4 रुपये की राहत मिल रही है और इससे किसानों को भी कोई फायदा नहीं हो रहा।

सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज आज बंद है जबकि शिकॉगो एक्सचेंज कल रात 0.6 प्रतिशत मजबूत बंद हुआ था और फिलहाल इसमें 0.4 प्रतिशत की तेजी है।

उन्होंने कहा कि सलोनी शम्साबाद में सरसों का भाव 9,150 रुपये से बढ़ाकर 9,200 रुपये क्विंटल कर दिया गया। इससे सरसों में सुधार है। सरसों की मांग धीरे धीरे बढ़ रही है जो त्योहारी मौसम और सर्दियों में और बढ़ेगी जबकि मंडियों में इसकी आपूर्ति बेहद कम होती जा रही है। बेमौसम बरसात की वजह से सरसों की अगली फसल में और देर हो सकती है जिसके चार से साढ़े चार महीने में आने की उम्मीद थी।

उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए सरकार को सरसों की अगली फसल की खरीद के दौरान सरसों का पांच-दस लाख टन का स्थायी स्टॉक खरीद कर रखना चाहिये क्योंकि सरसों का और कोई विकल्प नहीं है।

उन्होंने कहा कि किसान नीचे भाव में सोयाबीन नहीं बेच रहे और बेमौसम बरसात से इसकी फसल को कुछ नुकसान होने की सूचना आ रही है। इस वजह से सोयाबीन तेल-तिलहन में सुधार है।

सामान्य तेजी के रुख तथा विदेशों में खाद्य तेलों के भाव मजबूत होने से सीपीओ और पामोलीन के भाव में भी सुधार आया। जबकि मांग बढ़ने से बिनौला के भाव मजबूत हो गये। मूंगफली तेल-तिलहन के भाव अपरिवर्तित रहे।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 8,855 - 8,885 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली - 6,285 - 6,370 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 14,300 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,080 - 2,210 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 18,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,705 -2,745 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,780 - 2,890 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी - 15,500 - 18,000 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,900 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,430 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 12,460

सीपीओ एक्स-कांडला- 11,250 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,720 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,000 रुपये।

पामोलिन एक्स- कांडला- 11,850 (बिना जीएसटी के)।

सोयाबीन दाना 5,425 - 5,625, सोयाबीन लूज 5,175 - 5,275 रुपये।

मक्का खल (सरिस्का) 3,825 रुपये।

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Web Title: Improvement in local oil-oilseeds prices amid rise in foreign markets

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