आयातकों को सामान पर रियायती शुल्क पाने के लिये पहले करना होगा सूचित: सीबीआईसी
By भाषा | Published: May 18, 2021 09:51 PM2021-05-18T21:51:09+5:302021-05-18T21:51:09+5:30
नयी दिल्ली, 18 मई केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कहा है कि आयातकों को रियायती शुल्क दरों का लाभ उठाने के लिये आयात किये जाने वाले सामान, उसकी अनुमानित मात्रा और मूल्य के बारे में सीमा शुल्क अधिकारियों को पहले से सूचना देनी होगी।
सीबीआईसी ने आयातकों की सुविधा के लिये सीमा शुल्क (रियायत शुल्क दर पर सामान का आयात) नियमों में संशोधन किया है। इसमें उस पूरी प्रक्रिया का उल्लेख किया गया है जिसके तहत घरेलू स्तर पर उत्पादन अथवा सेवायें देने के लिये आयात किये जाने वाले सामान पर रियायती दर से शुल्क का लाभ उठाया जा सकता है।
इसमें जो एक प्रमुख बदलाव किया गया है वह यह कि आयातित सामान को अब ‘जॉब वर्क’ के लिये बाहर भेजा जा सकता है। इस सुविधा के बिना पहले उद्योगों को काफी परेशानी होती रही है। खासतौर से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को इसका लाभ मिलेगा जिनके पास खुद की पूरी विनिर्माण सुविधा उपलब्ध नहीं है। उन्हें कुछ न कुछ काम बाहर से कराना होता है।
यहां तक कि ऐसे आयातक जिनके पास कोई विनिर्माण कारखाना नहीं है वह भी आयातित सामान की रियायती शुल्क दर का लाभ उठा सकते हैं। वह रियायत दर पर माल का आयात कर उसपर बाहर से जॉब वर्क कराकर उसे अंतिम रूप से तैयार कर सकते हैं। हालांकि, सोना, आभूषण, कीमती धातुओं और धातुओं के कारोबार को इससे अलग रखा गया है।
सीबीआईसी ने जारी सर्कुलर में कहा है, ‘‘कोई भी आयातक रियायती शुल्क दर पर सामान का आयात करना चाहता है उसे ऐसे सामान की संबंधित क्षेत्र के सीमा शुल्क अधिकारी को एकबारगी अग्रिम सूचना देनी होगी। आयातक को आयातक के परिसर का नाम और पता, उसके जॉब वर्कर यदि कोई हों तो, आयातक अथवा जॉब वर्कर के परिसर में विनिर्माण में इस्तेमाल होने वाले सामान की प्रकृति और उसका ब्यौरा तथा आयातित सामान के इस्तेमाल के बाद दी जाने वाली सेवाओं के बारे में जानकारी देनी होगी।’’
सीबीआईसी ने कहा है कि आयातक को आयात करने से पहले सामान की मात्रा उसकी अनुमानित कीमत, शुल्क छूट अधिसूचना और उसका क्रमांक नंबर, मिलने वाली शुल्क छूट और जिस बंदरगाह पर माल पहुंचना है उसके बारे में पहले से सूचित करना होगा। यह सूचना ई-मेल के जरिये प्रत्येक आयात के बजाय एकीकृत आधार पर एक साल तक की अवधि के लिये दी जा सकती है।
आयातकों को और भी कई तरह की सुविधायें इसमें दी गई हैं। सीबीआईसी ने कहा है कि व्यापार और उद्योग की मांग पर इन बदलावों को किया गया है। वैश्विक व्यवहारों में आते बदलावों को देखते हुये उनकी जरूरतों के मुताबिक यह कदम उठाये गये हैं।
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